रसगुल्ले के पानी में मिलाया जाता है मैदा, फिर चाशनी में डूबाकर तैयार होता है ये पकवान, स्वाद बना दे दीवाना

रूपांशु चौधरी/हजारीबाग. आमतौर पर मिठाई सभी को पसंद होती है. लेकिन आज बात होगी एक ऐसे पकवान की जिसका नाम है मालपुआ. हजारीबाग में मालपुआ का खासा क्रेज है. चीनी की चाशनी में डूबा गरमा गरम करारा मालपुआ सबको भाता है. यहां के लोग इसे खूब चाव से खाते हैं. मानसून और सर्दियों के मौसम में इसकी खपत और बढ़ जाती है. अगर आप भी लजीज मालपुआ का स्वाद चखना चाहते हैं तो हजारीबाग के कालीबाड़ी चौक आना होगा. यहांअमित जी के ठेले पर मिलने वाले मालपुआ का स्वाद जीवन भर नहीं भूल पाएंगे.

संचालक अमित कुमार दुबे बताते हैं कि वह पिछले 15 सालों से कालीबाड़ी चौक पर काली मंदिर के पास समोसा और मालपुआ की दुकान चला रहे हैं. दुकान पर मिलने वाले मालपुआ को लोग बहुत पसंद करते हैं. इसे खाने के लिए हजारीबाग के विभिन्न क्षेत्रों से लोग यहां आते हैं. दुकान पर रोजाना 500 से अधिक पीस मालपुआ की खपत हो जाती है. मालपुआ की कीमत 15 रुपये जोड़ा है.

मालपुआ बनाने की रेसीपी है खास
मालपुआ की रेसिपी भी बेहद खास है. इसे बनाने के लिए सबसे पहले मैदे में रसगुल्ला के पानी (दूध फाड़ने के क्रम में निकला हुआ पानी) डाला जाता है. ताकि इसमें खट्टापन आ जाए. फिर इस बैटर में सूजी, सौंफ और सुखा नारियल मिलाया जाता है. फिर इसे हल्की आंच पर रिफाइन में पकाया जाता है. ताकि बाहर से सख्त और अंदर से मुलायम रहे. फिर इसे इलायची पाउडर मिलाई हुई चीनी की चाशनी में डाला जाता है. अब इसे ग्राहकों कोगरमा गरम परोसा जा सकता है.

यहां ले स्वाद
इस मानसून के मौसम में इस करारे लजीज मालपुआ का स्वाद लेने के लिए आपको हजारीबाग में मालवीय मार्ग के ओर से कालीबाड़ी आना होगा. यह ठेला काली मंदिर के समीप लगाया जाता है.

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FIRST PUBLISHED : September 29, 2023, 09:44 IST

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