- Hindi News
- Business
- Byju Raveendran Asserts Continued Leadership Amidst Company Turmoil, Said, I Continue To Remain CEO
नई दिल्ली2 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
रवींद्रन बायजू ने कहा कि इन्वेस्टर्स की एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) में कई आवश्यक नियमों का उल्लंघन किया गया।
एडटेक कंपनी बायजूस के फाउंडर-CEO रवींद्रन बायजू ने शनिवार (24 फरवरी) को कहा कि उन्हें कंपनी से बाहर करने की बात अफवाह और गलत है। रवींद्रन ने यह भी कहा है कि वे ही बायजूस के CEO बने रहेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रवींद्रन बायजू ने कंपनी के एम्प्लॉइज को एक लेटर भेजकर यह बात कही है।
मैं कंपनी का CEO बना रहूंगा: रवींद्रन बायजू
रवींद्रन बायजू ने एम्प्लॉइज से कहा, ‘मैं आपको यह लेटर हमारी कंपनी के CEO के रूप में लिख रहा हूं। आपने मीडिया में जो भी पढ़ा होगा, वह गलत है। मैं कंपनी का CEO बना रहूंगा, मैनेजमेंट और बोर्ड भी वही रहेगा।’
रवींद्रन ने आगे कहा, ‘सेलेक्टेड माइनॉरिटी इन्वेस्टर्स के एक छोटे ग्रुप के किए गए दावे कि उन्होंने सर्वसहमति से EGM में प्रस्ताव पारित किया है, पूरी तरह से गलत है। 170 शेयरहोल्डर्स में से केवल 35 यानी लगभग 45% शेयरहोल्डर्स ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। यह अपने आप में ही है इस इर्रेलेवेंट मीटिंग को प्राप्त बहुत ही लिमिटेड सपोर्ट को दर्शाता है।’
उन्होंने कहा, ‘जिस तरह आप सभी खिलाड़ियों की सहमति के बिना खेल के नियमों को बीच में नहीं बदल सकते। उसी तरह हम स्ट्रिक्ट गाइडलाइंस का पालन किए बिना अपनी कंपनी को चलाने के तरीके में बदलाव नहीं कर सकते।’
EGM में कई नियमों का उल्लंघन किया गया
रवींद्रन ने कहा, ‘कल हुई इन्वेस्टर्स की एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) में कई आवश्यक नियमों का उल्लंघन किया गया। इसका मतलब यह है कि उस मीटिंग में जो भी फैसला लिया गया वह मायने नहीं रखता, क्योंकि उस बैठक में नियमों का पालन नहीं किया गया था।’
रवींद्रन बायजू ने कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया और कहा कि मीटिंग के दौरान लिया गया कोई भी फैसला 13 मार्च को होने वाली अगली सुनवाई तक प्रभावी नहीं होगा।
इन्वेस्टर्स ने एक दिन पहले रवींद्रन को बाहर करने का फैसला किया था
बायजूस के इन्वेस्टर्स ने एक दिन पहले शुक्रवार (23 फरवरी) को एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) में कंपनी के फाउंडर-CEO रवींद्रन बायजू, उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ और भाई रिजु रवींद्रन को बोर्ड से हटाने का फैसला किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रोसस, जनरल अटलांटिक और पीक एक्सवी जैसे कई ब्लू चिप इन्वेस्टर्स ने EGM में रवींद्रन और उनकी फैमिली को हटाने के लिए वोट किया।
लगभग 60% शेयरहोल्डिंग वाले निवेशकों ने कंपनी में लीडरशिप और गवर्नेंस में बदलाव के प्रस्तावों को पारित करने के पक्ष में वोट किया। वहीं रवींद्रन और उनकी फैमिली ने EGM और वोटिंग को अवैध बताया था। रवींद्रन और उनकी फैमिली इस मीटिंग में शामिल भी नहीं हुए थे।
साल 2011 में रवींद्रन ने थिंक एंड लर्न नाम से अपनी एडटेक कंपनी की शुरुआत की थी।
कंपनी में रवींद्रन और उनकी फैमिली की लगभग 26% हिस्सेदारी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन्वेस्टर्स ने रवींद्रन की लीडरशिप वाले मैनेजमेंट के मिसमैनेजमेंट और फेल्योर्स की वजह से यह फैसला किया। जिन शेयरहोल्डर्स ने EGM बुलाई थी, उनके पास बायजूस में टोटल 30% से ज्यादा की हिस्सेदारी है। कंपनी में रवींद्रन और उनकी फैमिली की लगभग 26% हिस्सेदारी है।
EGM में निवेशकों ने लीडरशिप में सुधार करने, बोर्ड को रिकंस्टीट्यूट करने और एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े उल्लंघनों की फोरेंसिक जांच शुरू करने के लिए भी प्रस्ताव पारित किए थे।
फाइनेंशियल मिसमैनेजमेंट के चलते मौजूदा बोर्ड को हटाया
सूत्रों के मुताबिक, इन्वेस्टर्स ने फाइनेंशियल मिसमैनेजमेंट, कंपनी के लीगल राइट्स को लागू करने में मैनेजमेंट की विफलता के कारण वैल्यू में गिरावट और महत्वपूर्ण जानकारी को छिपाने की वजह से मौजूदा बोर्ड को हटाया है।
EGM लगभग 4 घंटे तक चली और प्रस्तावों पर मतदान के बाद समाप्त हुई। हालांकि, शुक्रवार को होने वाली वोटिंग का नतीजा 13 मार्च तक लागू नहीं होगा। उस दिन कर्नाटक हाई कोर्ट कुछ निवेशकों के कदम को चुनौती देने वाली रवींद्रन की याचिका पर सुनवाई करेगा।
हाई कोर्ट ने 21 फरवरी को बायजूस के शेयरधारकों की ओर से बुलाई गई EGM पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। एक बयान में निवेशकों ने यह भी कहा था कि वे अपना मामला कर्नाटक हाई कोर्ट में पेश करने का प्लान बना रहे हैं।
बायजूस इन्वेस्टर्स ने NCLT में मैनेजमेंट के खिलाफ केस किया
इससे पहले बायजूस के 4 इन्वेस्टर्स के एक ग्रुप ने शुक्रवार को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की बेंगलुरु पीठ में कंपनी के मैनेजमेंट के खिलाफ हैरेसमेंट और मिसमैनेजमेंट का केस रजिस्टर कराया। इन्वेस्टर्स ने NCLT से कंपनी के फाउंडर और CEO बायजू रवींद्रन सहित कंपनी को चलाने वाले लोगों को अयोग्य घोषित करने और नया बोर्ड नियुक्त करने की मांग की। इसके साथ ही कंपनी के फोरेंसिक ऑडिट और राइट्स इश्यू को शून्य घोषित करने की मांग की गई है।
बायजूस के प्रवक्ता ने कहा था कि NCLT में ऐसी किसी याचिका के बारे में हमें कोई भी जानकारी नहीं है। कंपनी अफवाहों पर कोई टिप्पणी नहीं करती है। अगर ऐसी कोई याचिका दाखिल की गई है तो कानून और उचित प्रक्रिया के मुताबिक इसका जवाब दिया जाएगा।
ED की बायजू रवींद्रन के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर की मांग
हाल ही में एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन (BOI) से ऐडटेक फर्म बायजूस के फाउंडर और CEO बायजू रवींद्रन के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी करने के लिए कहा है। इसके जरिए जांच एजेंसी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि बायजू रवींद्रन देश छोड़कर न जाएं। इकोनॉमिक्स टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में इसके बारे में जानकारी दी है।
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत बायजूस की जांच कर रही ED
ED बायजूस के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) उल्लंघन के तहत भी जांच कर रही है। इसको लेकर 3 महीने पहले प्रवर्तन निदेशालय ने बायजू रवीन्द्रन और थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड को 9,000 करोड़ रुपए का नोटिस भी भेजा था।
ED के अनुसार, बायजूस ने बताया था कि उसने भारत के बाहर निवेश किया था जो कि कथित तौर पर फेमा 1999 के प्रावधानों का उल्लंघन है। इससे भारत सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ था, जिससे 1999 के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है।
बायजूस का 2022 में घाटा बढ़कर 8,245 करोड़ रहा
एड-टेक कंपनी बायजूस को वित्त वर्ष 2022 में ₹8,245 करोड़ का घाटा हुआ है। वित्त वर्ष 2021 में घाटा 4,564 करोड़ रुपए था। यानी कंपनी का घाटा करीब-करीब दोगुना हो गया है। इस दौरान कंपनी का टोटल रेवेन्यू ₹5,298 करोड़ रहा। 2021 में रेवेन्यू 2,428 करोड़ रुपए था। यानी रेवेन्यू में 118% का उछाल आया है।
बायजूस की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न ने कंपनी रजिस्ट्रार के पास अपनी ऑडिटेड फाइनेंशियल रिपोर्ट दाखिल की है। घाटे का लगभग आधा हिस्सा (लगभग 3,800 करोड़ रुपए) व्हाइटहैट जूनियर और ओस्मो जैसी कंपनियों के कारण है। कंपनी की ओर से किए गए ये दो प्रमुख अधिग्रहण हैं।
3 बड़ी चीजें जो बायजूस के साथ बीते दिनों हुई
- भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने बायजूस के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू की। बायजूस पर ₹158 करोड़ के पेमेंट में चूक का आरोप है।
- ED ने 9,000 करोड़ से अधिक के FEMA उल्लंघन मामले में नोटिस भेजा। फॉरेन करेंसी फ्लो को लेकर 1999 में FEMA बना था।
- गुरुग्राम ऑफिस का रेंट पेमेंट न करने पर कर्मचारियों को प्रॉपर्टी मालिक ने बाहर कर दिया। उनके लैपटॉप जब्त कर लिए।