‘रफी गाएंगे..रफी नहीं गाएंगे’! गायक पर जब उलझे संगीतकार और एक्टर, फिर कौन जीता

मुंबई. फिल्मी ​दुनिया में दर्दभरे नगमों की भी अपनी एक अलग पहचान है. कई ऐसे गीत लिखे और गाए गए हैं, जो आज भी दर्शकों के जेहन में बसे हुए हैं. कई बार ऐसा भी होता है जब संगीतकार के सामने कोई गाना आता है और उनके जेहन में सिंगर का नाम आ आ जाता ​है कि उसे कौन बेहतर गा सकता है. ऐसा ही कुछ एक बार फेमस संगीतकार जोड़ी के साथ हुआ था. लेकिन जिस फिल्म के लिए वह गाना था उसके हीरो की पसंद कोई और सिंगर था. ऐसे में हीरो और संगीतकार अपनी पसंद पर अड़ गए और खूब बहस हुई. आखिर में किसने गाना गाया और वह कौनसा गाना था आइए, song of the week में इसी पर बात करते हैं.

बीते दौर में जब की हाई पिच वाले या कुछ अलग हटकर गीत सामने आते थे तो अमूमन हर संगीतकार की पसंद मोहम्मद रफी साहब हुआ करते थे. दरअसल, एक्टर के मुताबिक अपनी आवाज में इस तरह मॉडिफिकेशन किया करते थे कि वह बेहद कर्णप्रिय हो जाता था. साल 1967 में राजा नवाथे एक फिल्म लेकर आए थे और इस फिल्म के टाइटल सॉन्ग को लेकर काफी चर्चा हुई थी.

दो सिंगर और एक गीत
जिस फिल्म की हम यहां बात कर रहे हैं वह है ‘पत्थर के सनम’. इसी फिल्म के टाइटल सॉन्ग को लेकर काफी बहसबाजी हुई थी. इस फिल्म में मनोज कुमार, वहीदा रहमान, मुमताज, प्राण और महमूद मुख्य भूमिका में थे. फिल्म के लिए ‘पत्थर के सनम तूझे हमने मोहब्बत का…’ मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखा था. इस फिल्म के लिए संगीत रचना लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने की थी. जब यह गाना संगीतकार जोड़ी के पास आया तो गाने को सुनते ही उन्होंने कहा कि ‘यह गाना मोहम्मद रफी साहब गाएंगे’. वहीं, मनोज कुमार के अधिकांश ​हिट गीतों को मुकेश साहब ने गाया था. ऐसे में उनका कहना था, ‘यह गाना मुकेश गाएंगे, रफी साहब नहीं.’

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प्रोड्यूसर तक पहुंच गई थी बात
लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने मनोज कुमार को समझाया कि गाने की पिच के अनुरूप सिर्फ मोहम्मद रफी साहब ही न्याय कर सकते हैं. लेकिन मनोज कुमार मानने को तैयार नहीं थे और उनका कहना था कि उन पर सिर्फ मुकेश की ही आवाज जंचती है. काफी बहस होने के बाद मनोज कुमार निर्देशक राजा नवाथे और निर्माता एए नादियादवाला के पास भी अपनी बात लेकर गए. लेकिन दोनों ने संगीत में दखलअंदाजी करने से इनकार कर दिया. ऐसे में मनोज कुमार को हार माननी पड़ी और रफी साहब ने गाने को आवाज दी. गाना जब सामने आया तो ऐसा हिट हुआ कि सबकी जुबां पर चढ़ गया. खुद मनोज कुमार भी इस बात को मान गए कि यह गाना रफी साहब के अलावा और कोई नहीं गा सकता था.

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बड़ी भूल हुई, अरे हमने, ये क्या समझा ये क्या जाना…

Tags: Entertainment Special, Manoj kumar, Mohammad Rafi, Waheeda rehman

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