दिलीप चौबे/कैमूर : अर्थशास्त्र में कहा गया है कि व्यवसाय करने के लिए जोखिम उठाना पड़ता है. क्योंकि, इसमें कई तरह की चुनौती होती है और इन्हीं चैलेंज का सामना करके कोई व्यक्ति कामयाब बिजनेसमैन बनता है. हम आपको दो ऐसे भाइयों की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने ना सिर्फ जोखिम उठाया बल्कि खुद से दिन रात मेहनत कर अपने ऊंचे मुकाम को पाया और खुद के बदौलत हिम्मत दिखाई और महादेव नामक कंपनी को खड़ा कर दिया. संघर्ष और सफलता की ये कहानी दो भाई दीपक तिवारी और सूरज तिवारी की है, जिन्होंने अपनी मेहनत से लाखों की कंपनी और विभिन्न प्रतिष्ठान खड़े कर दिए हैं.
दो भाइयों ने खड़ा किया खुद का व्यवसाय
कैमूर जिला स्थित भभुआ के रहने वाले युवा बिजनेस मैन दीपक तिवारी और सूरज तिवारी अपनी मेहनत और संघर्ष के बदौलत सफल व्यवसाई बने. दीपक तिवारी ने बताया कि 2017 से खुद का व्यवसाय शुरू किया. पहली बार तिवारी टूर एंड ट्रेवल नामक कंपनी खोली. उसके बाद मसल बनाने वाली छोटी सी मशीन भी लगाया.
उन्होंने बताया कि एक समय ऐसा लगने लगा कि मानो मेहनत सफल हो गई और सपने पूरे हो गए. लेकिन, बिजनेस में लाभ और हानि दोनों संभव है. अचानक कुछ ऐसा हुआ कि कंपनी में लगाए गए पैसे खत्म होने लगे और शुरुवाती में मुनाफा नहीं हुआ. फिर दोनों भाइयों ने खुद से मसाला तैयार करने के बाद पैकिंग कर उसे बाइक पर लेकर बाजार में दुकानदारों को देते थे.खुद से रात दिन काम कर अपनी कंपनी में लगाए गए पैसे भी निकाले और कमाई भी की.
45 लोगों को रोजगार देकर हर माह डेढ़ लाख तक कमा रहे मुनाफा
दीपक तिवारी ने बताया किधीरे-धीरे कारोबार बढ़ता गया तो आवश्यकता के अनुसार सहयोगी रखते गए. मसाले की फैक्ट्री के बाद लाइब्रेरी और जिम भी खोला है. अभी दो लाइब्रेरी, एक जिम, टूर एंड ट्रैवल की कंपनी और मसाला फैक्ट्री का संचालन कर रहे हैं. जिससे महीने में एक से डेढ़ लाख की कमाई हो जाती है. उन्होंने बताया कि अभी 45 लोग काम कर रहे हैं जिसमें 18 से महिलाएं हैं और शेष पुरुष हैं. उन्होंने बताया कि दोनों भाई का यही प्रयास रहता है कि जरूरतमंदों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए ताकि उनकी भी रोजी-रोटी अच्छे से चल सके.
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FIRST PUBLISHED : November 4, 2023, 18:49 IST