गौरव सिंह/भोजपुर : बिहार का आरा धीरे-धीरे तीरंदाजी का हब बनता जा रहा है. यहां नीरज सिंह बच्चों को मुफ्त में इसकी ट्रेनिंग देकर कई होनहार तीरंदाज तैयार कर रहें हैं. जो देश में नाम कमा रहें हैं. इसके साथ ही नेशनल में कई मेडल ला रहें हैं. बिहार के आरा के नीरज आधुनिक युग के द्रोणाचार्य हैं. तीरंदाजी में खुद की बदौलत बिहार और भोजपुर को 15 नेशनल मेडल दिला चुके है. आर्चरी गेम का निशुल्क कोचिंग शिक्षक नीरज कुमार सिंह देते हैं. अब तक इनके द्वारा तैयार 60 अर्जुन यानी खिलाड़ी नेशनल गेम में पार्टिसिपेट कर चुके हैं.
12 वर्षो से दे रहें हैं निशुल्क कोचिंग
लोकल 18 से बात करते हुए नीरज सिंह ने बताया कि पिछले 12 वर्षों से लगातार फील्ड पर खुद पसीना बहाते है और तीरंदाजी सीखने वाले खिलाड़ियों से भी पसीना बहवाते हैं. जिसका परिणाम है कि अब तक इनके द्वारा प्रशिक्षण पाए 7 खिलाड़ियों ने अलग-अलग नेशनल टूर्नामेंट में 7 नेशनल गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज ला चुके है. इसके अलावे लगभग 60 नेशनल खिलाड़ी नेशनल टूर्नामेंट में क्वालीफाई भी कर चुके है.
शिक्षक की नौकरी करते हुए फील्ड में देते हैं समय
नीरज कुमार सिंह ने बताया कि वो भी एक नेशनल आर्चरी प्लेयर रह चुके हैं. खेल की प्रतिभा रहते हुए भी संसाधन और कोच की कमी की वजह से बहुत आगे नहीं बढ़ पाएं. साल 2012 में गेम खेलना शुरू किया. बिहार सरकार में नौकरी के लिए अप्लाई की. जिसके बाद फिज़िकल शिक्षक की नौकरी लगी. मौजूदा समय में अख्तियारपुर उत्क्रमित विद्यालय में फिजिकल शिक्षक के पद पर तैनात हैं.
सुबह 6 बजे से 9 बजे तक ग्राउंड पर समय बिताते हैं. फिर स्कूल जाते हैं. वापस 4 बजे से ग्राउंड पर प्रशिक्षण देने पहुंच जाते हैं. इस तरह नीरज कुमार सिंह दोहरा मेहनत कर तीर अंदाजी सीखा आधुनिक युग के द्रोणाचार्य की भूमिका निभा रहे हैं.
देते हैं निशुल्क प्रशिक्षण
लोकल 18 से बात करने के दौरान नीरज ने बताया कि जितने भी खिलाड़ी प्रशिक्षण लेते हैं. उनसे एक रुपया भी शुल्क नहीं लेते बल्कि खुद के पॉकेट से खेल में मदद करते हैं. इसका कारण उनके द्वारा बताया कि जो हमको कमी महसूस हुई वो आज के बच्चों को महूसस ना हो इसलिए खुद के पॉकेट से भी खिलाड़ियों को खेल के जरूरी सांसधन जैसे कि धनुष, जर्सी, जूता या आने जाने का पैसा देते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 11, 2023, 21:34 IST