कुंदन कुमार/गया. तस्वीरों में दिख रही यह झोपड़ी कोई आम झोपड़ी नहीं, बल्कि बेहद खास झोपड़ी है. इसे लखटकिया झोपड़ी कहा जाता है. लखटकिया हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इस झोपड़ी के जरिए महज 2 महीने में 5-6 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं. आखिर आप सोच रहे होंगे कि इस झोपड़ी में ऐसी कौन सी कोहिनूर है, जिससे महज 2 महीने में 5-6 लाख रुपए तक कमाया जा सकता है. तो हम बता दें कि इस झोपड़ी को मशरूम झोपड़ी कहा जाता है.
इसमें मशरूम का उत्पादन किया जाता है. वैसे व्यक्ति जो मशरूम का उत्पादन करना चाहते हैं लेकिन उनके पास जगह की कमी है, तो इस तरह के झोपड़ी बनाकर भी लोग मशरूम का उत्पादन कर सकते हैं. इसी उद्देश्य के साथ उद्यान विभाग ने यह योजना शुरू की है और इसमें किसानों को 50% सब्सिडी भी दी जा रही है.
रोजाना 1 क्विंटल मशरूम का उत्पादन
बिहार के गया जिले में भी कई किसानों को मशरूम झोपड़ी योजना का लाभ दिया गया है. जिसमें एक ऐसे ही किसान है प्रेमनी देवी. प्रेमनी देवी बोधगया प्रखंड क्षेत्र के पड़रिया गांव की रहने वाली है. इनका पूरा परिवार झोपड़ी मशरूम उत्पादन से जुड़े हुए हैं. इन्होंने 32 गुणा 52 की झोपड़ी बना रखी है. जिसमें 1000 मशरूम बैग रखा है. उनके यहां रोजाना 1 क्विंटल मशरूम का उत्पादन हो रहा है. इससे प्रतिदिन 15 हजार रुपये का आय हो रहा है. इन्होंने धान के पुआल और बांस के मदद से इस झोपड़ी का निर्माण किया है. झोपड़ी के अंदर बांस का रैक बनाकर उसपर मशरूम बैग को रखा गया है.
प्रतिदिन 12-15 हजार रुपए की आय
इन्होंने 60 रुपये प्रति पीस मशरूम बैग खरीदा है. 1 हजार बैग इस झोपड़ी में रखा है. प्रेमनी देवी के पुत्र अजीत कुमार बताते हैं कि इस झोपड़ी को बनाने में लगभग 1 लाख 80 हजार रुपया रुपया खर्च हुआ है. इसमें सरकार के द्वारा 50% सब्सिडी दी जायेगी. 32*52 के इस झोपड़ी में 3 हजार मशरूम बैग को रखा जा सकता है. जिससे महज 1-2 महीने में 5-6 लाख रुपए की आय होगी. लेकिन अभी यह शुरुआत है इसलिए इन्होंने मात्र एक हजार मशरूम बैग इस झोपड़ी में रखा है. प्रतिदिन 12-15 हजार रुपए की आय कर रहे हैं.
कृषि विभाग करेगा आपकी मदद
अजीत ने बताया कि एक बैग से कम से कम 2 किलो मशरूम का उत्पादन होगा. इसकी बाजार में कीमत 130 रुपया से लेकर 150 रुपए प्रति किलो है. यह अपने मशरूम को सोभ के एक मशरूम व्यापारी को बेच रहे हैं. इनकी चाहत है कि आने वाले दिनों में बड़े स्तर पर मशरूम का उत्पादन हो इसके लिए मशरूम बैग की संख्या को बढ़ाया जाएगा. चूंकि इस वर्ष शुरुआत थी, इसलिए सिर्फ एक हजार बैग से इसे शुरु किया.
प्यार का नाटक कर लिव-इन में रखा, अबॉर्शन करा भागने का बना रहा था प्लान, पुलिस ने पकड़ा और…
इन्होंने बताया मशरूम उत्पादन के बारे में इन्हें कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन कृषि विभाग के पदाधिकारी के मदद से झोपड़ी मशरूम योजना का लाभ मिला और प्रशिक्षण लेने के बाद इसे शुरू कर दिया.
किसानों को 50% सब्सिडी भी
इस संबंध में बोधगया प्रखंड क्षेत्र के उद्यान पदाधिकारी पीयूष कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि झोपड़ी मशरूम के जरिए किसान अच्छी आय कर सकते हैं. जिनके पास घर में जगह नहीं है वह इस योजना का लाभ लेकर मशरूम का उत्पादन कर सकते हैं. इसमें किसानों को 50% सब्सिडी दिया जा रहा है. प्रेमनी देवी ने इस योजना का लाभ लिया है और इससे वह रोजाना 15 हजार रुपए का मशरूम बेच रही है.
.
Tags: Bihar News, Business news, Farming, Gaya news, Local18
FIRST PUBLISHED : February 3, 2024, 07:35 IST