ये कैक्टस है बड़े काम का! अब किसान बंजर भूमि पर पौधे लगाकर कमाएंगे मुनाफा

उधव कृष्ण/पटना. आज भी देश में कई लाख हेक्टेयर भूमि बंजर है. इन पर फसल नहीं उगाई जा सकती है. पानी की कमी, रासायनिक खादों के अंधाधुंध उपयोग व अन्य कारणों से भूमि बंजर हो जाती है. बता दें कि देश में बंजर भूमि के लगातार बढ़ने पर सरकार भी चिंता जता चुकी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की 30 प्रतिशत जमीन खराब या बंजर होने की कगार पर है. भारत का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 328.72 मिलियन हेक्टेयर (एमएचए) है. इसमें 96.4 एमएचए बंजर हो गई है. राजस्थान, दिल्ली, गोवा, महाराष्ट्र, झारखंड, नागालैंड, त्रिपुरा और हिमाचल प्रदेश में 40 से 70 प्रतिशत जमीन बंजर बनने वाली है. इसके अलावा 29 में 26 राज्यों में पिछले 10 साल के दौरान बंजर जमीन में इजाफा हो रहा है.

सरकार ने कई योजनाओं के माध्यम से बंजर भूमि धारक किसानों को राहत प्रदान की है. वर्तमान में केंद्र सरकार प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के माध्यम से हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से काम कर रही है. इसके तहत बंजर भूमि पर खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है. वोटर शेड परियोजनाओं में कांटा रहित खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने बंजर जमीन से किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक योजना पर विशेष ध्यान देना शुरू कर दिया है. इस योजना के तहत किसान को खेती में कोई लागत नहीं लगानी है. उन्हें सिर्फ अपना खेत सरकार को सौंपना है इसके बाद सरकार उसकी बंजर भूमि पर खेती करेगी. किसान को सिर्फ खेती की देखभाल करनी है. इसके बाद जो उपज प्राप्त होगी उस पर किसान का ही हक रहेगा. किसान इस उपज को सरकार के सहयोग से बेचकर लाभ कमा सकते हैं. जानकारों का कहना है कि कैक्टस का लाभ जमीन को भी 25 साल तक मिलता रहेगा.

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शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट
बताते चले कि बंजर भूमि का पीएच लेवल 10.0 होता है और उपजाऊ जमीन का पीएच मान 7.0 से 7. 5 होता है. प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के वोटर शेड परियोजनाओं के तहत अब 2024 में सबसे पहले झारखंड के किसानों को लाभ मिलेगा. झारखंड के किसान बिना किसी लागत के अपने खेतों में बिना कांटेदार कैक्टस की खेती कर पाएंगे. कृषि पदाधिकारी विकास कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार की इस योजना के तहत जल्द ही बिहार में भी कांटा रहित कैक्टस की खेती देखने को मिल सकती है. बता दें कि इससे बंजर भूमि वाले किसानों को काफी फायदा पहुंचेगा. हालांकि, अभी सरकार के स्तर पर इसकी खेती को लेकर कोई विशेष पहल नहीं की गई है. बिहार के कुछ जिले के पहाड़ी इलाकों में इक्का- दुक्का जगह पर किसान प्रायोगिक तौर पर इसकी खेती जरूर कर रहे हैं.

क्या है कैक्टस के फायदे?

कैक्टस के फायदों से अधिकांश किसान अनजान है. कैक्टस की खेती का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसकी खेती बंजर भूमि पर कम से कम पानी और न्यूनतम लागत से की जा सकती है. इसकी खेती के लिए सिर्फ बारिश का पानी ही पर्याप्त रहता है. वहीं, कैक्टस से प्राप्त बायोमास से पशु चारा, बायो फ्यूल, कृत्रिम चमड़ा, खाद्य पदार्थ, मुरब्बा, जूस, अमृत, कैंडी, मादक पेय, अचार, सॉस, शैंपू, साबुन और लोशन बनाए जा रहे हैं. ये उत्पाद बाजार में बहुत महंगी कीमत में बिकते हैं. इसके अलावा कई शोधों में यह सामने आया है कि दुधारू पशु इसे चाव से खाते हैं और पाचन संबंधी कोई दिक्कत भी नहीं आती है. गर्मी के दिनों में इसके सेवन से पशुओं को गर्मी और डिहाइड्रेशन से बचाया जा सकता है. कैक्टस के इन्हीं फायदों को देखते हुए सरकार बिना कांटों वाली कैक्टस की खेती को बढ़ावा दे रही है.

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