ये कथावाचक बनेंगी निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर, कहा- मैं अब पापा की परी नहीं

शुभम मरमट/उज्जैन. बड़नगर रोड स्थित पंचायती अखाड़ा निरंजनी में सनातन कुंभ का नजारा देखने को मिल रहा है. भागवत कथा वाचक वर्षा नागर को निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर नियुक्त किया जा रहा है. इस मौके पर बुधवार को भगवा संन्यास यात्रा निकली और गुरुवार को महामंडलेश्वर का पट्टाभिषेक समारोह होगा.

इस असवर पर कथावाचक वर्षा नागर ने कहा कि आज पारिवारिक जीवन छोड़कर संन्यासी जीवन अपनाया है. मैं बहुत खुश हूं. आज से मेरे गुरु ही मेरे पिता हैं और साध्वी ही मेरी माता हैं. अब मैं पापा की परी नहीं, बल्कि गुरुदेव की शेरनी बेटी हूं. कहा- सनातन के लिए हमेशा आगे रहूंगी.

सनातनी महाकुंभ शुरू
निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर गुरु मां मंदाकिनी पुरी ने बताया कि उज्जैन में 3 व 4 जनवरी को भव्य सनातनी महाकुंभ प्रारंभ हो गया है. 3 जनवरी को सुबह 9 बजे क्षीरसागर मैदान से भगवा संन्यास यात्रा निकली. कंठाल, सती गेट, छत्री चौक, ढाबा रोड, दानीगेट, शिप्रा नदी की छोटी रपट होते हुए यात्रा कार्तिक मेला सदावल रोड स्थित मां अन्नपूर्णा प्रणाव अक्षरधाम आश्रम पर पहुंची.

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष हुए शामिल
बुधवार दोपहर 1 बजे शिप्रा के रामघाट पर संन्यास संस्कार संपन्न हुआ. 4 जनवरी गुरुवार को दोपहर 12 बजे साध्वी अन्नपूर्णा वर्षा का पट्टाअभिषेक समारोह होगा. कार्यक्रम में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज, शिव पंचायती अखाड़ा निरंजनी के सचिव श्रीमंत रामरतन गिरि महाराज सहित अन्य प्रमुख बड़े संतगण शामिल हुए.

कौन हैं वर्षा नागर
वर्षा नागर पांच साल की बाल उम्र में ही सांसारिक जीवन छोड़कर साध्वी बन गई थी. उज्जैन की वर्षा अपने दादा के कथाकार होने से शिक्षा और ज्ञान प्राप्त किया है. कक्षा 6 के दौरान पढ़ाई छूट गई और इसके बाद फिर से पढ़ाई शुरू की तो बीए में अंतिम साल की प्राइवेट पढ़ाई की. वर्षा भागवत कथा भी कहती हैं.

Tags: Local18, Niranjani Akhara, Religion 18, Ujjain news

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *