यूरोप-दक्षिण अफ्रीका से आए प्रवासी पक्षी, इस टाइगर रिजर्व के जलाशयों में बसेरा

अनुज गौतम / सागर. भारत की प्राचीनतम पर्वत श्रृंखलाओ में से एक विंध्य पर्वत श्रृंखला के पठारो में हरे रंग की छठा बिखेरता मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा जंगल, जैव विविधता का अद्भुत खजाना हैं, जो पहचाना जाता हैं मध्य प्रदेश के सबसे बड़े नोरादेही टाइगर रिजर्व के रुप में. इस जंगल में हजारों किस्म के पक्षियों का बसेरा है. पक्षी प्रेमियों के लिए नौरादेही किसी स्वर्ग से कम नहीं है.

प्रवासी पक्षियों का नौरादेही के जंगलों से गहरा नाता है. ठंड के मौसम में हर साल यहां पहुंच कर थोड़ी समय के लिए ही सही यह पक्षी यहां के तालाबों को अपना घर बना लेते हैं.ये पक्षी छेवला तालाब, जमरासीखेड़ा तालाब सहित बमनेर नदी के आसपास के कुंडों के पास चहचहाते हुए व अठखेलियां करते हुए देखे जा सकते हैं. इस वर्ष सबसे पहले सारस क्रेन बिस्लिंग व ब्लैक नेक्ड स्टार्क ने दस्तक दे दी है जो कि टाइगर रिजर्व के जलस्रोतों के आसपास दिखाई देने लगे हैं.

इन प्रवासी पक्षियों ने डाला डेरा
नौरादेही टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर ए ए अंसारी ने कहा कि हर साल ठंडे प्रदेश तिब्बत, लद्दाख, हिमालयन एशिया, साइबेरिया, एशिया के उत्तरी हिस्से में बर्फ जमा होने पर यहां के पक्षी गर्म प्रदेशों की ओर रूख करते हैं. यही पक्षी यहां अपना आशियाना बनाते हैं. यहां मुख्य रूप से सारस क्रेन बिस्लिंग, ब्लैक नेक्ड स्टार्क, पेंटेड स्टार्क, सैंडपाइपर, कॉर्पोरेंट, मुख्य रूप पहुंचते हैं. उन्होंने आगे कहा  कि कुछ मेहमान हिमालय के साथ यूरोप और अफ्रीका से आए है. इनकी मौजूदगी फरवरी के अंत तक रहेगी. इसके बाद इनके लौटने का सिलसिला शुरू हो जाएगा.

ये पक्षी 3000 km से अधिक दूरी तय कर यहां आते
डॉक्टर अंसारी ने बताया कि हिमालय क्षेत्र में सर्दियों में अक्टूबर से वर्फबारी शुरू हो जाती है. सुरक्षित ठिकानों और भोजन की तलाश में ये पक्षी तीन हजार किलोमीटर से अधिक दूरी तय कर यहां आते हैं. यहां जलाशयों के किनारे लगे वृक्षों को झ्होंने अपना ठिकाना बनाया है. दिसंबर तक सर्दी बढ़ते ही कई प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों के झुंड पहुंचेंगे.

टाइगर रिजर्व में पहली बार मेहमान पक्षी आ रहे
ठंडे प्रदेशों में बर्फवारी के कारण हर साल विभिन्न प्रदेशों के पक्षी ठंड बिताने नौरादेही अभयारण्य की ओर आते थे. इस वर्ष अभयारण्य टाइगर रिजर्व में परिवर्तित हो गया है. जिसे वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व नाम दिया गया है. इस लिहाज से टाइगर रिजर्व में पहली बार मेहमान पक्षी आ रहे हैं.

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