रूस में बसे भारतीयों की तादाद अच्छी खासी है. इनमें से ऐसे कई भारतीय हैं जिन्होंने यहां की नागरिकता हासिल कर ली है. एक ऐसे ही भारतीय से एनडीटीवी ने खास बातचीत की जिनका नाम रामेश्वर सिंह है. रामेश्वर सिंह उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. लेकिन अब रूस में बस गए हैं. एनडीटीवी से बात करते हुए रामेश्वर सिंह ने अपनी कहानी सुनाई और बताया कि आखिर वो कैसे यहां बसे और रूस की पॉलिटिक्स से कैसे जुड़े…
रूसी लड़की पर आया दिल
यह भी पढ़ें
रामेश्वर सिंह ने बताया की वो भारत से साल 1982 में रूस पढ़ने के लिए आए थे. इस दौरान उनकी मुलाकात एक रूसी लड़की से हुई, जिससे उन्हें प्यार हो गया. रामेश्वर सिंह ने इस लड़की से शादी कर ली और यहां पर ही बस गए. रामेश्वर सिंह रूसी नागरिक बन गए और अब राजनीति में सक्रिय हैं. उन्होंने बताया कि रूसी नागरिकता मिलना मुश्किल था लेकिन उन्हें 2000 के आसपास रूसी नागरिकता मिल गई.
उन्होंने बताया कि रूस से पीएचडी करने के बाद उन्हें भारत में नौकरी मिल सकती थी. लेकिन उन्हें रूसी लड़की से प्यार हो गया. जिसके बाद उन्होंने यहां पर ही बसने का फैसला किया.
रूस की सरकार से क्या उम्मीद है?
रूस की सरकार से क्या उम्मीद हैं? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि रूस की सरकार से हमें शांति, अच्छी अर्थव्यवस्था, समृद्धि की उम्मीद है. रूस-यूक्रेन युद्ध पर उन्होंने कहा कि शांति होनी चाहिए…लेकिन कुछ ऐसी चीजें होती हैं कि अपने को बचाने के लिए युद्ध जरूरी होता है. ये ऑपरेशन रूसी लोगों को बचाने के लिए हो रहा है. इसका असर आपको रूस के बड़े शहर पर नहीं दिखेगा. 90 प्रतिश्त लोगों को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर विश्वास है.
“लोग डॉलर नहीं अब रूबल देखते हैं”
रूस में बढ़ती महंगाई पर उन्होंने कहा कि यहां महंगाई नहीं है. महंगाई के हिसाब से लोगों की सैलरी बढ़ रही है.रोज इस्तेमाल होने वाली चीजें सस्ती हैं. यहां पर लोग डॉलर नहीं अब रूबल देखते हैं. रूस की पर्यटन पर उन्होंने कहा कि युद्ध के बाद से यहां पर पर्यटकों की संख्या बढ़ी है. लोग यहां आ रहे हैं. किसी को कोई दिक्कत नहीं हो रही है.
बता दें रूस में इस समय राष्ट्रपति चुनाव चल रहे हैं.