‘यूपी में सीट बंटवारे को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा’, इंडिया टीवी संवाद कॉन्क्लेव में बोले सपा प्रमुख अखिलेश यादव

लखनऊ। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश में INDIA गठबंधन की पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे को ‘बहुत जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा।’ उनकी यह टिप्पणी सपा और कांग्रेस नेताओं के बीच सीट बंटवारे पर बातचीत बेनतीजा रहने के मद्देनजर आई है।

आज यहां दिनभर चले इंडिया टीवी संवाद कॉन्क्लेव में सवालों का जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यूपी में सीट बंटवारे को जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा। “चुनाव के लिए हमारे पास मुश्किल से 100 दिन बचे हैं। हमारे पास ज्यादा समय नहीं है। हमें तुरंत जमीनी स्तर पर काम करना होगा। मैं INDIA गठबंधन की मीटिंग में तभी जाऊंगा जब यूपी में सीटों के बंटवारे पर सहमति बन जाएगी….देश का प्रधानमंत्री कौन बनेगा इसकी चाबी यूपी की जनता के पास है जहां से 80 सांसद चुने जाते हैं। 

राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर अखिलेश यादव ने कहा, ‘हर पार्टी को यात्रा निकालने का अधिकार है। हम भी यात्रा निकालते हैं। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। लेकिन कांग्रेस नेता हमें अपने कार्यक्रमों में नहीं बुलाते हैं।’

बीएसपी प्रमुख मायावती के अकेले चुनाव लड़ने के फैसले पर अखिलेश यादव ने कहा, ‘हर पार्टी को यह तय करने का अधिकार है कि किसके साथ गठबंधन करना है।’ उन्होंने बताया कि 2019 के चुनाव में गठबंधन करने और मायावती को पीएम उम्मीदवार के रूप में पेश करने के बाद बीएसपी ने लोकसभा की 10 सीटें जीती थी, लेकिन विधानसभा चुनाव में उन्हें केवल एक सीट मिली और वह भी इसलिए क्योंकि उम्मीदवार मजबूत था। उन्होंने विश्लेषकों की इस थ्योरी को खारिज कर दिया कि बीएसपी को गठबंधन में सीटें नहीं मिलती हैं क्योंकि उसके वोट गठबंधन वाले दल को ट्रांसफर हो जाते हैं, लेकिन गठबंधन वाले दल के वोट बीएसपी में ट्रांसफर नहीं हो पाते हैं।

अखिलेश यादव ने वादा किया कि अगर विपक्षी गठबंधन INDIA सत्ता में आई तो आर्म्ड फोर्स में ‘अग्निवीर’ योजना बंद कर दी जाएगी और सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी। उन्होंने मांग की कि केंद्र को आधिकारिक तौर पर बताना चाहिए कि 1962 के रेजांग ला युद्ध स्मारक को क्यों नष्ट कर दिया गया और लद्दाख में किसी दूसरी जगह पर स्थानांतरित कर दिया गया, क्योंकि यह बफर जोन में आता था। 

ममता बनर्जी ने गठबंधन के संयोजक के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नाम का क्यों प्रस्ताव रखा, इस पर अखिलेश यादव ने कहा,’ INDIA गठबंधन की बैठक में एक नेता कुछ अलग चाहते थे, जिसके लिए खरगे को संयोजक बनाने का प्रस्ताव रखा गया। बस इतनी सी बात है।’

अखिलेश यादव ने कहा, ‘बीजेपी 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में जीत हासिल नहीं कर पाती अगर दिल्ली से उनके नेता प्रचार के लिए यूपी नहीं आते। अगर यह काम यूपी के नेताओं पर छोड़ दिया जाता, तो यूपी के मतदाता बीजेपी को हरा देते।” यह पूछे जाने पर कि वह दिल्ली के किन नेताओं का जिक्र कर रहे हैं, अखिलेश यादव ने कहा, “दिल्ली और अन्य राज्यों से नेताओं को लेकर सैकड़ों विमान और हेलीकॉप्टर चुनाव प्रचार के लिए यूपी लाए गए थे। उनमें एमपी के एक नेता (शिवराज सिंह चौहान) भी थे, जिन्हें अब सीएम पद नहीं दिया गया।”

समाजवादी प्रमुख ने साफ किया कि उनकी पार्टी इस बार पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्याक- पिछड़ा, एससी और अल्पसंख्यक) के नाम पर समर्थन जुटाने के लिए चुनाव में उतरेगी। अखिलेश ने कहा,’हमारे लिए, पीडीए भगवान की तरह है। बीजेपी को कई चुनाव क्षेत्रों में 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिल रहे थे…बीजेपी ने हमें अपनी रणनीति बदलने और पीडीए को चुनने के लिए मजबूर किया है। बीजेपी को हराने के लिए गठबंधन जरूरी है। यह एक बड़ी चुनौती है।’ . अगर बीजेपी इस साल फिर से सत्ता में बनी रहती है, तो यह लोगों के मतदान के अधिकार को छीन लेगी और संविधान को बदल देगी। उनके पास सभी संसाधन और सीबीआई, ईडी हैं। बीजेपी अब भगवान (भगवान राम) के पीछे छिपने की कोशिश कर रही है। हार का डर है। …अगर युवा और किसान एक साथ आ जाएं तो चुनाव में बीजेपी को परेशानी होगी।’

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर अखिलेश यादव ने कहा,’अदालत के फैसले के कारण राम मंदिर बन रहा है, लेकिन इस आयोजन का राजनीतिकरण अनुचित है….क्या भगवान राम 22 जनवरी को ही अयोध्या में रहेंगे? क्या उसके बाद गायब हो जाएंगे” ? मैं मंदिर में तभी जाऊंगा जब भगवान राम मुझे आमंत्रित करेंगे। मैं वहां एक सामान्य भक्त के तौर पर जाऊंगा। मैं पूछना चाहता हूं कि शंकराचार्यों को इस कार्यक्रम में क्यों नहीं बुलाया गया। .. मैं भाजपा नेताओं से ज्यादा धार्मिक हूं। यूपी के मुख्यमंत्री आवास में मंदिर का निर्माण मेरे कार्यकाल के दौरान हुआ था। हमने ही पारिजात और अन्य धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण पेड़ों को सरकारी आवास में लाया था।’

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