यूपी में यहां समय से पहले हो रही है गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी, यह कारण है जिम्मेदार

विशाल झा/ गाजियाबाद : दिल्ली से सटे गाजियाबाद में प्रदूषण लोगों को अपना शिकार बना रहा है. प्रदूषण के कारण केवल बुजुर्ग और बच्चे ही नहीं बल्कि गर्भवती महिलाएं भी परेशान हो रही हैं. प्रदूषण के कारण समय से पहले ही महिलाओं की डिलीवरी हो रही है.

पिछले एक सप्ताह में जिला महिला अस्पताल में 158 प्रसव हुए है. इनमें 39 प्रसव समय से पूर्व कराए गए है. सभी शिशुओं को स्पेशल न्यूमान केयर यूनिट (एसएनसीयू) में भर्ती किया गया है. इनमें से 10 बच्चों का वजन 2.5 किग्रा का वजन 1.5 किग्रा से कम था. गर्भवती महिलाओं को प्रदूषण के कारण सांस लेने में परेशानी, बेचैनी और घबराहट होने पर समय से पूर्व प्रसव कराना पड़ रहा है.

क्यों हो रहा समय से पहले प्रसव

जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. सुमाता तालिब ने News 18 Local को बताया कि बच्चा गर्भ के अंदर होने पर वायु प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित होता है. मां के सांस लेने पर वायु में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर उनके शरीर में पहुंच रहे है. यह इतने महीन होते हैं कि कुछ फेफड़ों से चिपक जाते हैं, कुछ खून में घुल जाते हैं और कुछ प्लेसेंटा तक भी पहुंच रहे हैं. इसी प्लेसेंटा से बच्चे की पोषण मिलता है .

इस रक्त से बच्चों को पोषण मिलता है

अप्राकृतिक चीजों के प्लेसेंटा पर पहुंचने से यहाँ व्हाइट ब्लड सेल्स (डब्ल्यूबीसी) बढ रही है. इनके जमावट होने से भ्रूण तक रक्त प्रवाह में रुकावट हो रही है. इसी रक्त से बच्चे को पोषण मिलता है, लेकिन रक्त कम पहुंचने से शिशु का विकास रुक जाता है. जब प्लेसेंटा ठीक से रक्त प्रवाह नहीं कर पाती और जल्दी परिपक्व होने से समय से पहले प्रसव हो रहा है.

गर्भवती महिलाएं रखें सावधानी

प्रदूषण में गर्भवती महिलाओं को अपनी डाइट और प्रॉपर स्लीप का पूरा ध्यान रखना चाहिए. इसके साथ ही अगर बाहर निकलना पड़ रहा है तो डबल लेयर मस्क जरूर पहनना चाहिए. ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे की सांस फूलती हो. धूल- मिट्टी और घरेलू कामों से भी दूर रहना चाहिए

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