यूपी में यहां खाएं समोसा और चटनी…बार-बार याद आएगा स्वाद, कीमत 10 रुपए प्लेट, ये है लोकेशन

सत्यम कटियार/फर्रुखाबाद: फर्रुखाबाद अपने कई चीजों के लिए बहुत प्रसिद्ध है. इनमें खाने पीने की चीजों का नाम भी शामिल है. बात चाहे यहां के छोले भटूरे की हो या फिर मोमोज की. यहां मिलने वाली हर चीज के स्थानीय लोगों के साथ आने वाले पर्यटक भी दीवाने हैं. लेकिन इन सब से बिल्कुल अलग आज हम आपको यहां के फेमस समोसे के बारे में बताते हैं, जिसका नाम सुनकर किसी के भी मुंह में पानी आ जाएगा. इसके साथ मिलती है स्पेशल चटनी जो समोसे का स्वाद कई गुना बढ़ा देती है.

कमालगंज के निकट स्थित नरायनपुर गढ़िया में ओम पार्टी लॉन के सामने राजेश मिष्ठान भंडार के नाम से यह दुकान मौजूद है. जहां पर लाइन में लगकर समोसा मिलता है. नरायनपुर गढ़िया में इस दुकान पर प्रतिदिन हजारों लोगों का आना-जाना होता है. लोग भी स्वादिष्ट समोसे का लुफ्त उठाते हैं. आलम यह है कि दुकान खुलते ही ग्राहकों की भीड़ लग जाती है.

दुकानदार रमेश चंद्र ने बताया कि वह बाजार से चुनकर अच्छी क्वालिटी के साबुत मसाले को लाते हैं. घर पर अच्छे से सफाई करने के बाद उन्हें सुखाते हैं. इसके बाद उनको अच्छे से पीस कर तैयार करते हैं. इसके बाद एक सीमित अनुपात में करते हैं समोसे के आलू में आठ प्रकार के मसालों का प्रयोग करते हैं.

40 सालों से बरकरार है स्वाद
दुकानदार ने बताया कि उनकी दुकान की शुरुआत आज से 40 वर्ष पहले हुई थी. अब इस दुकान पर तीसरी पीढ़ी है जो लगातार समोसे को तैयार करती आ रही है. इस समय पर दुकान को राजेश कश्यप के पुत्र जितेंद्र कश्यप और रमेश कश्यप चलाते हैं. मुख्य मार्ग होने के कारण जहानगंज क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांव के लोग इधर समोसे का आनंद लेने के लिए आते हैं. जिस प्रकार यहां पर भीड़ लगी रहती है उसको लेकर यहां पर प्रतिदिन 2500 से 3000 समोसे दोपहर तक बिक्री हो जाते है. एक प्लेट में दो समोसे होते हैं, जिसकी कीमत 10 रुपए है.

ये है समोसे की रेसिपी
समोसा बनाने के लिए सर्वप्रथम अच्छी क्वालिटी के आलू को साफ करके पानी के साथ उबाला जाता है. इसके बाद आलू को छोटे-छोटे पीस में तैयार करके कढ़ाई की सहायता से इसे तेल में भून जाता है. जब आलू तैयार हो जाता है तो उसमें हरी धनिया, मिर्च, बुकनू पनीर और मटर के साथ ही जीरा, काली मिर्च, और दूसरे कई अन्य मसालों को डाला जाता है.

साथ ही धीमी आंच में इन सभी मसाले को अच्छे से आलू में मिलाया जाता है इसके बाद उसमें हल्का सा नमक डालकर आलू के मिश्रण को तैयार कर लिया जाता है. वहीं सफाई का ध्यान रखते हुए मैदा में तेल डालकर मिलने के बाद समोसे का आवरण बनाया जाता है. उसमें आलू का मिश्रण भर दिया जाता है. चटनी का है पूरा कमाल. जीरा अजवाइन और गुड़ की सहायता से बनाई जाती है स्पेशल मीठी चटनी जिसे समोसे के साथ मिलाकर खाया जाता हैं.

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