सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर: शाहजहांपुर के कैंट इलाके में बना हुआ यह स्तंभ, जिसको ईस्ट इंडिया कंपनी ने यहां बनवाया था. यह स्तंभ शाहजहांपुर का केंद्र बिंदु है, लेकिन इस स्तंभ का महत्व ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं है. इस स्तंभ के बारे हमने इतिहासकार डॉ विकास खुराना से बात की तो उन्होंने इसके महत्व के बारे में बताया, इतिहासकार कहते हैं कि यह स्तंभ 1869 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा यहां बनवाया गया था.
डॉ विकास खुराना ने बताया कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1802 में जब महा ज्यामितीय सर्वे शुरू कराया तो कंपनी को लगा था कि इस सर्वे को 5 साल में पूरा कर लिया जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. कंपनी को इस सर्वे को पूरा करने में करीब 70 साल का समय लगा और शाहजहांपुर का नंबर 1869 में आया था.
करीब 30 फीट ऊंचा है ये स्तंभ
उसी दौरान इस स्तंभ को मिट्टी से बनाया गया था, जो 1879 में बारिश के दौरान बह गया. जिसे बाद में कंक्रीट से बना दिया गया. इस स्तंभ की ऊंचाई करीब 30 फीट. कंपनी का मकसद था कि इस सर्वे के माध्यम से पता लगाया जा सके कि किस शहर की समुद्र तल से कितनी ऊंचाई है? कौन सी नदी कितनी गहरी है? किस नदी का ढलान किस ओर है?
मेरठ-कानपुर सर्वे लाइन का केन्द्र बिंदु
यह स्तंभ शाहजहांपुर जिले का केन्द्र बिंदु है. इसके साथ-साथ महा ज्यामितीय सर्वे के दौरान कानपुर से मेरठ के लिए खींची गई सर्वे लाइन का यह केंद्र बिंदु भी है. स्तंभ से यह तय हुआ गया कि शाहजहांपुर की समुद्र तल से ऊंचाई 636 फिट है. इसी सर्वे में पता चला कि शाहजहांपुर की जिले की चौड़ाई कटरा से गुर्री चौकी तक करीब 75 मील है. जिले की उत्तर से दक्षिण के लिए औसत ढाल करीब 2 फिट है.
7 सदस्यों की टीम ने किया था सर्वे
इतिहासकार डॉ विकास खुराना बताते हैं कि ब्रिटिश अधिकारी मिस्टर लेन की अगुवाई में 7 सदस्यों की टीम ने इस सर्वे को किया था. इस सर्वे से पता किया गया कि किस क्षेत्र की मिट्टी किस तरह की है? देश के जंगलों की विविधता, जंगली जीवों की किस्मों, नदियों की ढाल और समुद्र तल से शहरों की ऊंचाई को भी पता किया गया था. सर्वे के दौरान 2120 गांव को शामिल किया गया था, साथ ही 3536 पेपर की शीट का भी इस्तेमाल इस सर्वे के दौरान हुआ.
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FIRST PUBLISHED : September 25, 2023, 20:54 IST