यूपी बेसिक शिक्षा विभाग: ट्रांसफर और आदेशों में उलझकर रह गए शिक्षक, मेडिकल की सुविधाएं भी अधर में

UP Basic Education Department: teachers stuck in transfer and orders

कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं प्राइमरी टीचर।
– फोटो : सोशल मीडिया

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प्रदेश में हर विद्यालय को निपुण यानी सुव्यवस्थित बनाने की कवायद चल रही है, लेकिन हो उल्टा रहा है। चाहे दस साल बाद शुरू हुई पदोन्नति प्रक्रिया हो, एक दशक बाद हो रहे तबादले या फिर मेडिकल सुविधा। सब अधर में। अगस्त में कई बार विभिन्न जिलों से आए शिक्षकों ने लखनऊ में धरना दिया और सीएम आवास का घेराव की कोशिश की। इन सब वजहों से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इतना ही नहीं कुछ जिलों में एकल शिक्षक वाले विद्यालय भी बंद हो गए हैं।

बेसिक के विद्यालयों में शिक्षकों की पदोन्नति की प्रक्रिया फरवरी 2022 में शुरू हुई थी। अब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। एक दशक बाद हो रही पदोन्नति प्रक्रिया से शिक्षकों को पहले काफी उम्मीद थी, लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। हाल में शिक्षकों ने इस मामले में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक व महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद से मिलकर अपनी बात रखी है। इसी तरह लंबी कवायद के बाद विभाग ने जून अंत में 16614 शिक्षकों का एक से दूसरे जिले तबादला किया। तबादला पाए काफी शिक्षकों को कार्यमुक्त करने से रोक दिया गया। इसमें सामान्य शिक्षक ही नहीं कैंसर व अन्य गंभीर बीमारी से प्रभावित शिक्षक भी शामिल हैं। कार्यमुक्त करने के लिए आए दिन शिक्षक लखनऊ में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।

समस्या यहीं नहीं खत्म हुई। तबादला पाए जो शिक्षक कार्यमुक्त हो गए, उन्हें अब तक विद्यालय का आवंटन नहीं हुआ है। विद्यालय का आवंटन न होने से और पुराने शिक्षकों के कार्यमुक्त हो जाने से एकल शिक्षक वाले विद्यालयों में महीनों से पठन-पाठन ठप है। कुछ जगहों पर वैकल्पिक व्यवस्था की गई, किंतु वह प्रभावी नहीं हो पा रही है। वहीं तबादला पाए शिक्षकों की आवश्यक प्रक्रिया न पूरी होने से उनका दो महीने से वेतन नहीं जारी हुआ। ऐसे में उनके सामने परिवार का खर्च चलाने में दिक्कत आ रही है। हाल में शिक्षकों ने इसके लिए महानिदेशक स्कूल शिक्षा से मिलकर पीड़ा बताई थी। इन सबके साथ ही एक से दूसरे जिले में परस्पर तबादले व जिले के अंदर परस्पर तबादले की लाइन में भी सैकड़ों शिक्षक हैं, क्योंकि एक से दूसरे जिले के तबादले में उन्हें लाभ नहीं मिला। लेकिन विभाग में इन प्रक्रियाओं की गाड़ी हिचकोले खाते हुए चल रही है। ऐसे में शिक्षक मानसिक रूप से काफी परेशान हैं। वहीं, स्कूलों में इससे पठन-पाठन भी प्रभावित हो रहा है।

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