विशाल भटनागर/मेरठ:छठ महापर्व को लेकर देश भर में तैयारी का दौर शुरू हो गया है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु विधि विधान के साथ छठ मैया की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करते हैं. इसी तरह का भव्य नजारा मेरठ के गगोल तीर्थ पर भी देखने को मिलता है. जहां हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु नहाय खाय के साथ पूजा अर्चना करते हुए दिखाई देते हैं. जिसको लेकर गगोल तीर्थ पर विशेष तैयारी की जा रही है.
मंदिर के महंत शिवदास बताते हैं कि इस सरोवर का विशेष महत्व है. महर्षि श्री विश्वामित्र यहीं बैठकर अन्य ऋषि मुनियों के साथ विधि विधान के साथ यज्ञ किया करते थे. जिसको कई बार राक्षसों द्वारा भंग करने का प्रयास किया जाता था. इन्हीं बातों को देखते हुए महर्षि श्री विश्वामित्र भगवान श्री राम लक्ष्मण को लेने के लिए महाराज दशरथ के पास पहुंचे थे. जब उनके साथ भगवान श्री राम के चरण इस धरती पर पड़े थे. तब भगवान श्री राम ने मयदानव सहित सभी राक्षसों का वध किया था. महंत शिवदास तो यह भी कहते हैं कि सरोवर की उत्पत्ति भी भगवान श्री राम ने तीर मारकर की थी.
सरोवर के चारों तरफ बनी होती है बेंदी
ऐसे में छठ के पावन पर्व को देखते हुए बड़ी संख्या में यहां श्रद्धालु पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं. इसीलिए आपको सरोवर के चारों तरफ लोगों के नाम लिखे हुए मिल जाएंगे. जोकी उस स्थान पर खड़े होकर नहाय, खाय के साथ पूजा अर्चना को करते हैं. बताते चलें कि 17 नवंबर से 19 नवंबर तक यहां श्रद्धालु आपको पूजा अर्चना करते हुए दिखाई देंगे.
नोट यह सभी मान्यताओं पर आधारित है. लोकल-18 इसकी पुष्टि नहीं करता..
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FIRST PUBLISHED : November 14, 2023, 15:53 IST