सृजित अवस्थी/ पीलीभीत: यूपी के पीलीभीत जिले का एक गांव ऐसा भी है जहां एक नदी के चलते लड़कों का घर नहीं बस पा रहा है. अब आप भी हैरत में होंगे कि भला एक नदी के चलते कैसे रिश्ते टूट जा रहे हैं. दरअसल, इस इलाके के लोग हर साल बाढ़ का दंश झेलते हैं. तमाम प्रयासों के बाद भी इनकी इस समस्या का कोई हल नहीं निकल सका है.
उत्तरप्रदेश के पीलीभीत जिले में स्थित चंदिया हजारा गांव पीलीभीत जिला मुख्यालय से लगभग 70 किलोमीटर दूर स्थित है. ये गांव पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगलों के नजदीक शारदा नदी के किनारे बसा हुआ है. इस इलाके में अधिकांश आबादी विस्थापित बंगाली समुदाय की है. पहाड़ों पर लगातार होने वाली बारिश व किसी स्थाई बाढ़ राहत बचाव कार्य के अभाव चलते हर साल चंदिया हजारा गांव के वाशिंदों को बाढ़ से जूझना पड़ता है.
गांव में युवा बैठे हैं कुंवारे…
यह परिस्थितियां कमोबेश हर साल ही बनी रहती हैं. ऐसे में हालात यह हो गए हैं कि अब अन्य इलाकों के लोग यहां अपनी लड़कियां भी नहीं बियाह रहे हैं. आलम यह है कि गांव के युवा कुंवारे ही रह जा रहे हैं. इन परिस्थतियों के विरोध में अब युवा समेत इलाके के सभी लोग चुनाव के बहिष्कार की योजना बना रहे हैं.
तीन महीने का धरना भी नहीं आया काम
पीलीभीत के हजारा गांव में रहने वाले ग्रामीण हर साल बाढ़ का दंश झेलते हैं. ऐसे में लंबे अरसे से यहाँ पर शारदा नदी के चैनलाइजेशन की मांग उठ रही है. शासन व प्रशासन के सुस्त रवैये को देखते हुए बीते साल इलाक़े ग्रामीण पूरे 102 दिनों तक धरने पर बैठे थे. जिसके बाद उन्हें फ़रवरी से कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन प्रशासन का यह आश्वासन भी झूठा साबित हो गया.
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FIRST PUBLISHED : March 1, 2024, 19:16 IST