यूपी का यह किसान इस खास किस्म की बकरी पालकर बन गया मालामाल, कम लागत में हो रहा तगड़ा मुनाफा

सत्यम कटियार/फर्रुखाबाद: अगर मन में हो जज्बा तो कोई भी धंधा छोटा नहीं होता है. कुछ बड़ा करने के विजन के साथ फर्रुखाबाद के इस किसान ने एक मिसाल पेश की है. जिले के किसान संतोष पाल ने 40 बकरियां को पालकर इस कारोबार को शुरू किया है. आज के समय में प्रतिदिन यह बकरी का दूध बेचकर अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं. तो दूसरी ओर बकरियों के बच्चों की भी इन दोनों की डिमांड है. ऐसे समय पर खरीददार इनके घर पर आकर ही बकरियां खरीद कर ले जाते हैं. तो दूसरी ओर इनको मुफ्त में ही जैविक खाद भी प्राप्त होती है जिससे कि इनका मुनाफा डबल हो जाता है.

फर्रुखाबाद के ब्लॉक कमालगंज क्षेत्र के नगला रगौरग्राम बहोरीकपुर निवासी संतोष पाल, अपने पुश्तैनी कार्य को आगे बढ़ाकर मुनाफा कमा रहे हैं. जिस प्रकार से कम लागत में ही बकरी पालन के व्यवसाय से अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं. तो वही यह अन्य लोगों के लिए भी मिसाल बन गए हैं. इस कार्य में आमतौर पर अधिक निवेश नहीं करना होता है बल्कि थोड़ी सी ही पूंजी में इसको आगे बढ़ाया जाता है.

कम खर्च और तगड़ा मुनाफा

संतोष पाल अच्छी किस्म की बकरियों का कारोबार कर रहे हैं. यहां पर जिस प्रकार से बकरियों के व्यवसाय से इस समय महीने में पचास से साठ हजार रूपए की आसानी से कमाई कर रहे हैं. जिस प्रकार से दूध और बकरियों को बिक्री के साथ ही जैविक खाद भी बेचते है उससे इस धंधे में कमाई बढ़ी है. तो इसके धंधे को देखकर दूसरे ग्रामीण भी बकरी पालन की ओर रुख कर रहे हैं. आपको बता दें कि बकरी फर्म ग्रामीण अर्थव्यवस्था को काफी मजबूत करता है. एक बकरी को मोटे तौर पर एक वर्ग मीटर की जगह चाहिए. साथ ही बकरियां किसी दूसरे पशु के मुकाबले कम खर्च करना पड़ता है.

जानें बकरी पालन की इन नस्लों की खासियत और लाभ

उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में बकरी पालन अच्छा खासा होता है. जो ग्रामीण बकरी पालन करते हैं. वह अपनी कमाई बढ़ाने के साथ ही घर पर ही एक अच्छा खासा रोजगार भी कर रहे हैं. आमतौर पर दो तरह से बकरी पालन से लाभ होता है. एक तरफ बकरियों की बिक्री तो दूसरी ओर दूध से होती है कमाई. आमतौर पर छोटे किसान अच्छी कमाई करने के साथ-साथ खेती भी करते हैं. इन बकरी की बिक्री जिले के बाजारों के साथ-साथ राजस्थान और जम्मू कश्मीर तक होती है. इनके पास अच्छी किस्म की बकरियों की नस्ल मौजूद है जो बत्तीसी, अजमेरी, पंजाबी और गुजराती किस्म की बकरियों की नस्ल मौजूद है.

Tags: Hindi news, Local18, Success Story, UP news

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *