यूक्रेन युद्ध में ऐसे ही नहीं गए भारतीय युवक, बड़े रैकेट का हुआ खुलासा, CBI की बड़ी कार्रवाई

भारतीय विदेश मंत्रालय (एमईए) के हस्‍ताक्षेप के बाद रूसी सेना में सहायक स्टाफ के रूप में काम करने वाले लगभग 20 भारतीयों को ‘जल्द छोड़ने’ का वादा क‍िया है. वहीं इस मामले में अब नया खुलासा हुआ है. आकर्षक नौकरियों की आड़ में युवाओं को रूस-यूक्रेन युद्ध में भेजने के नाम पर बड़े नेटवर्क का सीबीआई ने किया भंडाफोड़ क‍िया है. सीबीआई ने मानव तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है. इसको लेक‍र जांच एजेंसी की 7 शहरों में 10 से अधिक स्थानों पर तलाशी चल रही है. सीबीआई की दिल्ली, तिरुवनंतपुरम, मुंबई, अंबाला, चंडीगढ़, मदुरै और चेन्नई में छापेमारी जारी है.

सीबीआई ने विभिन्न वीजा कंसल्टेंसी फर्मों और एजेंटों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. अब तक 50 लाख रुपये, आपत्तिजनक दस्तावेज, लैपटॉप, मोबाइल, डेस्कटॉप आदि इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं. विभिन्न स्थानों पर पूछताछ के लिए कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है. वहीं अब तक पीड़ितों को विदेश भेजे जाने के लगभग 35 मामले स्थापित हो चुके हैं.

सीबीआई के मुताबिक, इस मामले में शामिल आरोपियों के नाम

(1) मेसर्स 24×7 आरएएस ओवरसीज फाउंडेशन, केजी मार्ग, नई दिल्ली और इसके निदेशक सुयश मुकुट
(2) मेसर्स ओएसडी ब्रोस ट्रेवल्स एंड वीजा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई और इसके निदेशक राकेश पांडे
(3) मेसर्स एडवेंचर वीजा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, चंडीगढ़, पंजाब और इसके निदेशक मंजीत सिंह
(4) बाबा व्लॉग्स ओवरसीज रिक्रूटमेंट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, दुबई और इसके निदेशक फैसल अब्दुल मुतालिब खान @ बाबा

आपको बता दें क‍ि सात लोगों के एक ग्रुप ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें दावा किया गया है कि उन्हें रूस द्वारा उनकी इच्छा के विरुद्ध यूक्रेन युद्ध लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है. इस वायरल हो रहे वीडियो में सात लोगों को एक कमरे के अंदर सेना की वर्दी पहने देखा जा सकता है. एक बंद खिड़की वाले कमरे में रिकॉर्ड किए गए वीडियो में उनमें से छह को एक कोने में खड़ा दिखाया गया है और एक अन्य अपनी स्थिति के बारे में बात कर रहे हैं.

Tags: CBI, Russia ukraine war

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