यूएई के उपराष्ट्रपति मोहम्मद बिन राशिद से मिले पीएम मोदी, COP28 समिट में भाग लेने गए हैं दुबई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28वें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (COP28) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए गुरुवार रात दुबई पहुंचे। वहां पहुंचकर प्रधानमंत्री मोदी खाड़ी देशों के बहुत से नेताओं से मिले उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि “उपराष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम से मिलना सौभाग्य की बात थी। विभिन्न मुद्दों पर उनका दूरदर्शी नेतृत्व वास्तव में सराहनीय है।” जैसे ही पीएम मोदी दुबई हवाई अड्डे पर उतरे होटल के बाहर इंतजार कर रहे भारतीय प्रवासियों के उत्साहित सदस्यों ने ‘सारे जहां से अच्छा’ गाया और ‘भारत माता की जय’ के साथ-साथ ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए। 

बता दें कि ग्लोबल वार्मिंग को सीमित करने के प्रयासों को तेज करने के दबाव में विश्व भर के नेता शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता के लिए दुबई पहुंचे लेकिन इज़राइल-हमास संघर्ष ने शिखर सम्मेलन पर छाया डाली। संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने धूप से सराबोर खाड़ी महानगर में विशाल एक्सपो सिटी दुबई परिसर में ब्रिटेन के राजा चार्ल्स तृतीय, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और अन्य नेताओं का स्वागत किया।

गुरुवार से शुरू हुआ जलवायु परिवर्तन सम्मेलन का 28वां संस्करण 12 दिसंबर तक चलेगा। अधिकारियों ने आज कहा कि दुबई में अपने इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी सात द्विपक्षीय बैठकें करेंगे, चार भाषण देंगे और जलवायु घटनाओं पर दो विशेष पहल का हिस्सा होंगे। प्रधानमंत्री मोदी, जो 2015 में पेरिस और 2021 में ग्लासगो की अपनी यात्रा के बाद तीसरी बार विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में उपस्थित होंगे, दुबई में भारतीय समुदाय द्वारा उनका जोरदार स्वागत किया गया।

गौरतलब है कि इस सम्मेलन का मुख्य एजेंडा जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में प्रगति की समीक्षा करने के लिए एक स्टॉकटेकिंग अभ्यास पूरा करना है, और देशों द्वारा उठाए जा रहे जलवायु कार्यों को मजबूत करने के उपायों पर निर्णय लेना है। इससे पहले, भारत ने दोहराया था कि वह बिजली उत्पादन के लिए कोयले पर अपनी निर्भरता को जल्द ही छोड़ने की स्थिति में नहीं है, भले ही वह हरित ऊर्जा में त्वरित परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा आपूर्ति में तेजी से वृद्धि कर रहा है। विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “कोयला भारत के ऊर्जा मिश्रण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और रहेगा, यह हमेशा से रहा है, क्योंकि हम अपने देश में अपनी विकासात्मक प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।”

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