युवा नेता के चलते BJP की पहली पसंद बने चिराग, जानें क्यों नहीं मिली चाचा पारस को तवज्जो?

Patna:

Bihar Political News: बिहार में बढ़ती सियासत के बीच एनडीए में सीट शेयरिंग का मसला अब सुलझ गया है. एक जगह जहां मामला फंस रहा था वो था चिराग पासवान का गुट, लेकिन अब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस मसले को सुलझा लिया है. इसे लेकर कहा जा रहा है कि चिराग पासवान को चार सीटें देकर मना लिया गया है. जबकि पहले सूत्र बता रहे थे कि चिराग पासवान को पांच सीट दिए जा रहे हैं. हालांकि सूत्रों से खबर आ रही थी कि सीट बंटवारे को लेकर चिराग पासवान नाराज हैं. आज हम आपको बताएंगे कि चिराग पासवान के वो 4 मजबूत पक्ष क्या हैं, जिसके कारण बीजेपी को उनकी शर्तें माननी पड़ीं.
चिराग पासवान अपनी जाति के अलावे अन्य जातियों में भी पॉपुलर

आपको बता दें कि चिराग पासवान को न सिर्फ अपनी जाति के युवा बल्कि बिहार की अन्य जातियों के युवा भी पसंद करते हैं. चिराग पासवान जिस तरह से फर्स्ट बिहारी की बात करते हैं, वह युवाओं में जोश भरने का काम करता है. बता दें कि पिछली बार भी विधानसभा चुनाव में युवाओं ने जमकर वोट किया था. हालांकि उन्हें सिर्फ एक सीट ही मिल पाई थी.

रामविलास पासवान के बेटे होने का  मिला फायदा

आपको बता दें कि दिवंगत लोजपा नेता रामविलास पासवान के बेटे होने का फायदा भी उन्हें मिलता दिख रहा है. चिराग पासवान को उनके चाचा पशुपति पारस के मुकाबले पहला उत्तराधिकारी माना जा रहा है.

युवा चेहरा होने के चलते BJP की पहली पसंद हैं चिराग 

इसके साथ ही आपको बताते चले कि चिराग पासवान एक युवा नेता हैं, जिसके चलते बिहार की जनता को उनसे काफी उम्मीदें हैं. वहीं बीजेपी भी युवा नेता को ज्यादा तरजीह दे रही है. इस वजह से बीजेपी को पशुपति पारस की तुलना में चिराग पासवान को लेने में ज्यादा फायदा नजर आ रहा है.

भाषण की कला में आगे चिराग पासवान 

वहीं आपको बता दें कि चिराग पासवान युवा नेता होने के साथ-साथ भाषण देने की कला में भी काफी अच्छे हैं. चिराग पासवान अक्सर युवाओं के बीच जोरदार भाषण देते हैं, खासकर नीतीश कुमार को चुनौती देते नजर आते हैं.

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *