हाथरस. हाथरस पुलिस, सायबर सेल और सर्विलांस सेल की संयुक्त कार्रवाई में खुद को पुलिसवाला बताकर लोगों को मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर सायबर ठगी कर खातों मे रुपये डलवाने वाले सक्रिय गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है. आरोपी के कब्जे से आठ मोबाइल फोन, पांच आधार कार्ड, तीन एटीएम कार्ड और ग्यारह लाख रुपये नकद बरामद हुए हैं. युवक रुपयों से भरा बैग लेकर मथुरा जा रहा था, जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया. आरोपी ने पुलिस को जो कहानी सुनाई, उसे सुनकर हर कोई दंग रह गया.
दरअसल, पीड़ित संजय कुमार अग्रवाल के पास 6 जनवरी 2024 को मोबाइल पर व्हॉट्सएप के माध्यम से एक कॉल आई. कॉल उठाते ही एक व्यक्ति ने उनसे कहा गया कि आपके बेटे ने अपराध किया है जिसके एवज में रुपये देने है. संजय ने घबराकर कई खातों मे करीब 12 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए. उनका बेटा कोटा में इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था.
पीड़ित के होश उस समय उड़ गए जब उसे पता चला कि उसके बेटे ने कोई अपराध नहीं किया. तब उन्हें सायबर ठगी का अहसास हुआ. उन्होंने थाना कोतवाली नगर जनपद हाथरस पर लिखित तहरीर दी. थाना कोतवाली नगर पर सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी. हाथरस पुलिस ने घटना को गंभीरता से लेते हुए प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर एवं सायबर सेल टीम को निर्देशित किया. स्वॉट और सर्विलांस टीम को भी लगाया गया था. पुलिस टीम काफी दिनों तक जूझती रही लेकिन हिम्मत नहीं हारी. सर्विलांस/सायबर सेल की टेक्निकल इंटेलीजेंस से सूचना एकत्र करके ऑनलाइन ठगी कर अलग अलग बैंक खातों में रुपये डलवाकर रुपये ऐंठने वाले सक्रिय गिरोह के एक सदस्य को हतीसा पुल के पास से गिरफ्तार कर लिया. आरोपी के कब्जे से आठ मोबाइल फोन, पांच आधार कार्ड , तीन एटीएम कार्ड और 11,78,370 रुपये नगद बरामद किए.
बैंकों से रुपये लेकर मथुरा जा रहा था आरोपी
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने 10वीं तक पढ़ाई की है. इसी बीच, वह विवेक यादव पुत्र अंतर सिंह यादव निवासी कोलार कॉलोनी सारेस नगर भोपाल, सागर घोसले पुत्र संतोष घोसले भीम नगर बिहाइंड खेत चसरावत सीटीटी नगर भोपाल और रचित निवासी भोपाल के संपर्क में आया. उन्होंने उसको कुछ खाते खुलवाकर के दिए थे. उसने और उसके साथियों ने नकली पुलिसवाला बनकर हाथरस के एक व्यक्ति के बारे में जानकारी प्राप्त कर उसके बेटे को थाने में अपराधी बताकर और डराकर करीब 12 लाख रुपये अपने विभिन्न खातों में ट्रांसफर करा लिये. उसने और उसके साथियों ने उस रकम को अपने कई बैंकों खातों में नेट बैंकिंग और यूपीआई के माध्यम से भेजा दिया. फिर बैंकों से रुपये निकाल लिए. आरोपी रुपये लेकर मथुरा जा रहा था.
आरोपी ने बताया गया कि वे लोग कई माध्यमों से कोटा और अन्य स्थानों में पढ़ रहे छात्रों के परिजनों के संबंध में जानकारी निकाला करते थे. उसके बाद फर्जी पुलिस की आईडी लगाकर लोगों को डराकर, धमकाकर उनसे अपने बैंक खातों में पैसे डलवा लिया करते थे. इतना ही नहीं, गैंग के सदस्य बैंक खाते खरीदते थे. खाताधारकों की पासबुक, एटीएम कार्ड और मोबाइल नंबर अपने पास रख लेते थे, जिससे पुलिस इनके पास तक न पहुंच सके. सराहनीय कार्य के लिए हाथरस एसपी निपुण अग्रवाल ने पुलिस टीम को 25 हजार रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया.
हाथरस एसपी निपुण अग्रवाल ने बताया, ‘आरोपी ने जो व्हॉट्सएप कॉल किया था, अपनी डीपी पुलिस अधिकारियों की लगा रखी थी. 12 लाख रुपये अपने कई खातों में ट्रांसफर करवाए थे. जब पीड़ित ने 2 घंटे बाद बेटे को फोन लगाया तो पता चला कि वह बिल्कुल सुरक्षित है. उसने कोई अपराध नहीं किया है. आरोपी युवक पहले भी कई बार जेल जा चुका है.’
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FIRST PUBLISHED : February 24, 2024, 18:57 IST