यह संस्था 10 सालों से हादसे रोकने के लिए अपना रही है तकनीक, ऐसे कर रही बचाव

निखिल स्वामी/बीकानेर. सर्दी और कई जगह अंधेरा होने के कारण बेसहारा पशुओं की वजह से आए सड़क हादसे होते रहते है. इन सड़क हादसे को रोकने के लिए एक संस्था है जो लगातार काम कर रही है. बीकानेर में जीव रक्षक दल गौ सेवा समिति है जो आवारा पशुओं के गले में रिफलेक्टर बेल्ट और गाड़ियों पर रिफलेक्टर चिपका रही है. जिससे राजमार्गो और सड़कों पर हादसा रोके जा सकें.

बीकानेर में सर्दी में आए दिन सड़क हादसे हो रहे है. जिससे कई लोग चोटिल और आवारा पशु भी घायल हो जाते है और कई बार तो जान भी गवा देते है. इसी सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए यह रिफलेक्टर बेल्ट लगाए जा रहे है जिससे सड़क दुर्घटना नहीं हो.

महीने में दो लगाते हैं गाड़ियों पर रिफ्लेक्टर और पशुओं के बांधते हैं बेल्ट
जगदीश कुमावत ने बताया कि आवारा गोवंश है जो सड़क दुर्घटना का शिकार होते है. इससे कई अन्य लोगों की भी जान और चोटिल हो जाते है. करीब 10 सालों से यह काम कर रहे है. इसके अलावा कई बार गाड़ियों पर भी रिफलेक्टर चिपकाए जाते है.

यह रिफलेक्टर बेल्ट और गाड़ियों पर रिफलेक्टर महीने में दो बार लगाते है. वे बताते है कि इस संस्था की ओर से आवारा पशुओं को रिफलेक्टर बेल्ट और गाड़ियों पर रिफलेक्टर चिपकवाने का कार्य निःशुल्क कर रहे है. वे बताते है कि महीने में दो बार रात के समय अपनी टीम के साथ रोजाना 200 से 300 आवारा गोवंश को रिफलेक्टर बांधते है.

जगदीश कुमावत ने बताया कि जब सड़क दुर्घटना में आवारा गोवंश और परिवार के लोग जो घायल होता है तो लोग उसे अस्पताल ले जाते है. इसी को ध्यान में रखते हुए गायों के गले में रिफलेक्टर बेल्ट बांधे जा रहे है. कई बार रात में गाय नहीं दिखती है तो इन गायों के गले में रिफलेक्टर बेल्ट दिख जाता है.

इससे हादसे होने से रोका जा सकता है. यह संस्था जब भी किसी जगह एक्सीडेंट होता है तो वहां से घायलों को अस्पताल पहुंचाती है. जो पूरे दिन काम में लगी रहती है. यह संस्था अलग-अलग जगह जाकर आवारा गोवंश को रिफलेक्टर बेल्ट बांधती है.

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