नितिन अंतिल/सोनीपत: अध्यापक जो भगवान का दूसरा रूप माना गया है, जो ज्ञान की रोशनी फैलाकर अज्ञान का अंधकार दूर करने में छात्रों को एक नई दिशा दिखाता है. अध्यापक छात्रों को शिक्षित करने के साथ-साथ समाज को जागरूक करता है. एक ऐसी ही शख्सियत हैं मुंडलाना गांव के डॉ. जितेंद्र कुमार. जिन्होंने समाज को शिक्षित करने की ठानी और अपना जीवन समाज को समर्पित कर दिया.
डॉ. जितेंद्र कुमार पंचायत विभाग में सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत थे, लेकिन विभाग में बढ़ते भ्रष्टाचार को देखते हुए उन्होंने नौकरी छोड़ दी और 2012 में शिक्षा विभाग में प्राध्यापक की नौकरी की, ताकि शिक्षा के माध्यम से समाज के लिए कुछ कर सकें. बताया कि 2012 में उन्होंने समालखा के मछरौली स्थित स्कूल में जॉइन किया. वहीं स्कूल के हालात बदल दिए. स्कूल में पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए खुद पौधे लगाए और उनकी देखरेख की. उन्हें जहां खाली जगह दिखती है, वहां पौधे लगा देते हैं.
अब तक लगा चुके 20 हजार पौधे
जितेंद्र अब तक करीब 20 हजार पौधे लगा चुके हैं और खुद उनकी देखरेख करते हैं. जितेंद्र अब तक जहां भी रहे वहां स्कूल की काया पलट दी. लोगों को अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने के लिए जागरूक किया. जिस भी स्कूल में जितेंद्र रहे वहां उन्होंने स्कूल को हरा भरा कर दिया. इसलिए विभाग उन्हें कई बार सम्मानित भी कर चुका है.
जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई का उठाया खर्च
जितेंद्र कुमार जरूरतमंद बच्चों की फीस से लेकर उनकी कोचिंग तक का खर्च अपनी सैलरी से उठाते हैं. बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके, इसलिए उन्होंने विवाह नहीं किया. बताया कि अपने वेतन से वह बच्चों की वर्दी, पढ़ाई-लिखाई, कोचिंग फीस व पर्यावरण पर खर्च करते हैं. उन्होंने पीएचडी की उपाधि हासिल की है. लगातार वह 11 वर्षों से शिक्षा विभाग में अपनी सेवा दे रहे हैं.
.
Tags: Haryana news, Local18, Sonipat news
FIRST PUBLISHED : September 16, 2023, 17:20 IST