यह शख्स लकड़ी से बना रहा है बच्चों के कमाल के खिलौने, देखकर आप भी बोलेंगे- वाह

हिना आज़मी/ देहरादून. बचपन में बच्चों को खिलौने बहुत ज्यादा पसंद होते हैं. आज कई तरह के हाईटेक खिलौने मार्केट में आ गए हैं. रोबोटिक- रिमोट कंट्रोल कार, हेलीकॉप्टर के जमाने में भी पुराने लकड़ी के खिलौने बनाने का काम आंध्र प्रदेश के सोमेश्वर राव कर रहें हैं. वह लकड़ी से गुड़िया, की रिंग, झुनझुने, मोटरसाइकिल और गाड़ियां तक बना देते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार मन की बात में लकड़ी के खिलौने का जिक्र करते हुए पूरे इस कला को लोकल से ग्लोबल बनाने की बात की थी. इसलिए देशभर में कई जगह लकड़ी के खिलौने बनाने का काम किया जाता है. आंध्रप्रदेश के सोमेश्वर राव लोगों को अपनी पुरानी यादों से जोड़ने का काम कर रहें हैं क्योंकि जो खिलौने पुराने जमाने में हुआ करते थे वह उन्हें बनाकर उन खिलौनों से सबकी यादें ताजा करते हैं. वे लट्टू, लकड़ी के बर्तन, गुड्डे-गुड़िया, रेलगाड़ी, गाड़ी, हैंगिंग पॉट समेत साज-सज्जा के भी काफी सामान बना रहे हैं.

40 सालों से अपने पुश्तैनी काम में जुटे सोमेश्वर राव

लोकल 18 से बातचीत कर सोमेश्वर राव ने बताया कि वह आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं और देहरादून में नाबार्ड हस्तशिल्प मेले में अपने हुनर का प्रदर्शन करने आये हैं. उन्होंने बताया कि देहरादून के लोगों को यह खिलौने काफी ज्यादा पसंद आ रहे हैं खास तौर पर बच्चे उनके स्टॉल पर अनोखे खिलौनों को देखते ही उनके स्टॉल पर खिंचे चले आते हैं.सोमेश्वर ने बताया कि वुडन टॉयज यानी लकड़ी से खिलौने बनाने का उनका यह पुश्तैनी काम है. वह पिछले 40 सालों से लकड़ी से खिलौने और हैंडीक्राफ्ट बनाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि घर पर ही यह सभी तैयार किए जाते हैं. लकड़ी की कटिंग करके, खिलौनों के आकार में डालकर उन पर नेचुरल कलर किया जाता है. उन्होंने बताया कि उनके परिवार के कई लोग इस काम में जुटे होते हैं. वह देहरादून ही नहीं कई राज्यों की प्रदर्शनियों में इन खिलौनों से सबका दिल जीत चुके हैं. वैसे तो लकड़ी की बनी हुई चीजों के लिए देश की काष्ठनगरी उत्तर प्रदेश का सहारनपुर जिला दुनियाभर में मशहूर है लेकिन सोमेश्वर जैसे कलाकारों की हाथ की कारीगरी ने आंध्र प्रदेश का नाम भी रोशन किया है.

खेल ही नहीं होम इंटीरियर के लिए भी लोगों की पसंद बने वुडन टॉयज

सोमेश्वर बताते हैं कि लोग न सिर्फ अपने बच्चों के खेलने के लिए इन खिलौनों को खरीदने हैं बल्कि घर की सजावट के लिए भी इन्हें ले जाना पसंद करते हैं.वक्त के साथ-साथ लकड़ी के खिलौनों की देश-विदेश में भी डिमांड बढ़ने लगी है. होम इंटीरियर में लकड़ी के इन सामानों की ठाठ भी बढ़ती नजर आ रही है. यह खिलौने लकड़ी से तैयार किए जाते हैं और इसी के साथ ही उनकी आकृति और खूबसूरत रंग देकर उन्हें सँवारा जाता है ताकि ये घर की खूबसूरती बढ़ाने में उपयोगी साबित हो. आंध्र प्रदेश के रहने वाले सोमेश्वर राव अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करने वाले काष्ठ खिलौना उद्योग को नए जीवन देने का काम कर रहे हैं.

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