ज्योति/ पलवलः हर बार चौक चौराहों पर गाड़ियां रूकती और शीशे खुलते हैं. कुछ पैसे उनके हाथों में थम जाते हैं. इसके बाद उन्हें लगता है कि जैसे उन्होंने उनकी जिंदगी बदल दी है. जिंदगी बदलने के लिए कुछ पैसा मायने नहीं रखता. उससे सिर्फ वह एक दिन एक समय ही खाना खा सकता है. लेकिन शिक्षा प्राप्त करके वह रोजगार कर जिंदगी भर खाना खा सकता है. वह अपनी आने वाली पीढ़ी को भी सुधार सकता है.
इसलिए, शिक्षा की इस मुहिम को आगे बढ़ते हुए, जिंदगी की खुशियां फाउंडेशन द्वारा बच्चों की पाठशाला शुरू की गई. इस पाठशाला में फुटपाथ पर भीख मांगने वाले झुग्गियों में रहने वाले उन बच्चों को नोटबुक, पेन, पेंसिल आदि जरूरी सामग्री वितरित की गई. यह महिमा बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्राप्त करवाने के लिए की गई है. मंजूर अहमद, जो यूथ स्काउट और गाइड के संयुक्त सचिव और योग प्रशिक्षक हैं, मुफ्त में बच्चों को पढ़ा रहे हैं. उन्हें उनके कार्यों के लिए मंजूर राज्यपाल और शिक्षा मंत्री द्वारा सम्मानित किया गया है.
250 से ज्यादा बच्चों को देते हैं शिक्षा
मंजूर अहमद ने आठवीं कक्षा से ही इस और कदम बढ़ाना शुरू किया. सेक्टर में बसी झुग्गियों में छोटे बच्चों को पढ़ाने का मन बनाया. उन्हें ने बताया कि शुरुआत के दिनों में अपनी पढ़ाई और खेलों में हिस्सा लेने के कारण ज्यादा समय नहीं दे पाते थे. मंजूर ने वर्ष 2017 में कॉलेज में प्रवेश लेने के बाद इन बच्चों को नियमित शिक्षा देना शुरू किया. पहले केवल 8 बच्चे थे परंतु अब ढाई सौ बच्चे उनके पास पढ़ते हैं. अब हुड्डा सेक्टर दो ही नहीं, सोहना रोड पर झुर्गियों व गांव मठेपुर में कक्षाएं चल रही हैं. उन्होंने कई बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूल में भी कराया है. करीब 3 वर्ष पूर्व खुद 11वीं कक्षा के छात्र रहते पठन-पाठन के शौक के साथ जोगी वह स्लम बस्तियों के बच्चों को पढ़ाने पहुंचे.
400 के करीब बच्चे पढ़ने आते हैं
मंजूर अहमद इस प्रकल्प में इस कदर रम गए कि आज चार स्थानों पर मुफ्त ट्यूशन केंद्र चल रहे हैं. सड़क किनारे खुले में ज्ञान का उजियारा फैलाने का प्रयास तीसरे वर्ष एक से चार स्थानों पर शुरू हो चुका है, जिनमें 400 के करीब बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं. पहले से 12वीं कक्षा तक के साथ-साथ रहे स्कूली शिक्षा से तो संपूर्ण होते हैं. साथ ही साथ गायन, वादन, कला और क्राफ्ट जैसे हुनर का भी कौशल लेते हैं. विविध प्रकार के मिथको को तोड़ते हुए योग में प्रदेश स्तर तक उत्कृष्ट प्रदर्शन कर चुके. मंजूर अहमद ने 2017 में जेदीपुरा पूरा मोहल्ले के समीप दलित बस्ती के बच्चों को सड़क किनारे पढ़ना शुरू किया था. खुद संसाधनों से जूझने वाले वह उसे समय निजी स्कूल में 12वीं की पढ़ाई कर रहे.
ज्ञान का उजाला फैलाने का प्रयास
मंजूर ने ब्लैक बोर्ड व कुछ अन्य संसाधन जताकर सड़क किनारे ही बच्चों को पढ़ना शुरू कर दिया. उनकी क्लास में स्कूल जाने वाले बच्चे तो आने ही लगे. उन बच्चों को भी शिक्षा की तरफ अग्रसर किया गया, जिनके माता-पिता ने उन्हें स्कूल भेजना शुरू नहीं किया था. अब 3 वर्ष बाद 400 से अधिक छात्र उनके केंद्र से मुफ्त ट्यूशन लेते हैं. उन्हें पढ़ने के कार्य में चार और युवाओं का साथ भी मिल रहा है. सड़क किनारे खुले में ज्ञान का उजाला फैलाने का प्रयास कर रहे हैं मंजूर अहमद, साथ ही अभिभावकों का भी भरपूर साथ मिल रहा है.
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FIRST PUBLISHED : March 16, 2024, 17:10 IST