यह महिलाएं पराली से बना रही हैं कमाल के खिलौने, लाखों की हो रही कमाई, घर बैठे मिल रहा रोजगार

आशीष त्यागी/ बागपत. सरकार की स्वयं सहायता समूह योजना से महिलाओं के स्वरोजगार स्थापित हो रहे है.बागपत में धान की पुराल से बच्चों के खिलौने बना रही स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अच्छा मुनाफा कमा रही है. सरकार से मदद मिलने के बाद इन समूह की महिलाओं का जीवन बदल गया है. आर्थिक रूप से यह समूह उभरता नजर आ रहा है और सालाना लाखों रुपए की कमाई कर रहा है. वहीं किसानों को भी इसका लाभ मिल रहा है. किसानों के खेतों से धान की पुराल खरीदने के बाद यह बच्चों के खिलौने तैयार करते हैं.

बागपत के श्री लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं इन दिनों धान की पुराली से बने बच्चों के खिलौने तैयार कर रहे हैं. घोड़े और हाथी व अन्य खिलौने बच्चों के खेलने के तैयार किये जा रहे हैं. स्वयं सहायता समूह की संचालक कोमल ने बताया कि उनका समूह एक बार हरियाणा एक मेले में घूमने के लिए गया था. वहां पर पुराल से बने बच्चों के खिलौने देखे थे. वहीं से विचार बनाया और यहां आकर किसानों के धान के खेत से पुराल खरीदी और सभी ने मिलकर बच्चों के खिलौने बनाने शुरू कर दिए हैं.

महिलाएं बन रही आत्मनिर्भर

ये खिलौने कम खर्चे में तैयार हो जाते हैं और इनका मार्केट में भी अच्छी डिमांड होती है. जिससे उनके समूह को अच्छा मुनाफा मिलता है. खिलौने की कीमत ₹100 से लेकर ₹200 तक होती है और हरियाणा, मेरठ, मुजफ्फरनगर व अन्य स्थान पर प्रदर्शनी लगाई जाती है. जहां से उन्हें खिलौनों को बेचकर अच्छा मुनाफा मिल जाता है.

कैसे तैयार करते हैं खिलौने

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समूह संचालक कोमल ने बताया कि उनके समूह में 8 महिलाएं और दो पुरुष हैं. इन दिनों उन्होंने किसानों के खेतों से धान का पुराल खरीदा है. जिससे किसानों को भी मुनाफा हुआ है और उन्हें सस्ते रेट  में पुराल मिल गया. पहले वह पुराल को लकड़ी के ढांचे में घोड़ा और हाथी के रूप में तैयार करते हैं. जिसके बाद उन पर कपड़ा लगाया जाता है और उन्हें आकर्षक बनाने के लिए उन पर डिजाइन तैयार किए जाते हैं. जिसके बाद यह मार्केट में अच्छा खासा मुनाफा देते हैं. यह समूह सालाना 5 लाख की कमाई करता है. महिलाओं ने सरकार से मिली मदद पर सरकार का आभार जताया है.

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