सोनिया मिश्रा/चमोली. आपने विभिन्न संगठनों में आपसी बहस, आरोप प्रत्यारोप तो कई बार देखे होंगे लेकिन इन दिनों राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर के परिसर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, एनएसयूआई के कार्यकर्ता महाविद्यालय की विभिन्न समस्याओं को लेकर एक साथ धरने पर बैठे हुए हैं, जहां महाविद्यालय के एक ओर अभाविप के कार्यकर्ता बैठे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर एनएसयूआई के छात्र नेता भी पांच सूत्रीय मागों को लेकर अडिग हैं, लेकिन दोनों ही संगठनों का एक ही उद्देश्य है. महाविद्यालय में व्याप्त समस्याओं का समाधान. जहां एक तरफ एबीवीपी 11 दिनों से अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर मैदान में उतरी है वहीं दूसरी ओर एनएसयूआई भी 5 दिनों से आंदोलनरत है.
अभाविप के छात्र नेता आयुष गौड़ बताते हैं कि 9 सूत्रीय मांगों को लेकर छात्रों के अनशन के 11 दिन खत्म हो चुके हैं, लेकिन सरकार द्वारा अभी तक किसी भी तरह की घोषणा का लिखित आश्वासन हमें नहीं दिया गया है. जिस कारण छात्र आंदोलन में बने हुए हैं और आंदोलन तब तक नहीं रुकेगा जब तक सरकार के द्वारा लिखित आश्वासन नहीं दिया जाता.
क्या है एनएसयूआई की मांग?
वहीं एनएसयूआई के छात्र नेता किशन बर्तवाल बताते हैं कि पिछले 6 दिनों से अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर छात्र धरने पर बैठे हैं लेकिन अभी तक मांगों पर कोई भी फैसला नहीं लिया गया है. एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं का कहना है कि, महाविद्यालय गोपेश्वर परिसर घोषित होने के बावजूद भी परिसर वाली सुविधाओं से वंचित है जिसे पूरी तरह से परिसर लागू किया जाए. संस्कृत, गृह विज्ञान, संगीत की 2018 से 2023 तक के सभी प्रकार के परीक्षाफल शीघ्र जारी किया जाए, महाविद्यालय में गतिविधियों हेतु मैदान जल्दी उपलब्ध किया जाए, भागीरथी हॉस्टल में टूटी हुई दीवार का मरम्मत कार्य जल्द से जल्द शुरू किया जाए. यह 5 मांगे हैं, जब तक इन्हें पूरा नहीं किया जाता है सभी छात्र आंदोलनरत रहेंगे.
शासन स्तर से होगी कार्रवाई
वहीं महाविद्यालय के प्राचार्य कुलदीप सिंह नेगी का कहना है कि छात्रों ने मांगपत्र दिए थे जिनमें सभी मांगे शासन स्तर की हैं जिसे कि महाविद्यालय ने शासन को प्रेषित कर दिया है . जिसके बाद शासन ही उचित कार्रवाई करेगा.
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FIRST PUBLISHED : October 14, 2023, 18:13 IST