यहां विराजे हैं विशाल हनुमान,दूर से ही दिखती है प्रतिमा,दर्शन से मिट जाते कष्ट

भरत तिवारी/जबलपुर: आज के समय में धार्मिक और सांस्कृतिक विषयों पर व्यापक चर्चाएं होती हैं, जिनमें भक्ति और श्रद्धा की भावना बहुत महत्वपूर्ण है. भारतीय संस्कृति में हनुमान जी का विशेष स्थान है उनकी कथाएं और महिमा अनगिनत लोगों के दिलों में बसी हैं. इसी भक्ति की भावना के आधार पर, हनुमान जी के विभिन्न स्वरूपों में से एक ‘पंचमुखी हनुमान’ भी एक अत्यंत महत्वपूर्ण हैं.

बजरंगबली के सभी रूपों में पंचमुख हनुमान का विशेष महत्व है. यह रूप उनके पांच मुखों में छिपी विशेष शक्तियों को प्रकट करता है. पंचमुख हनुमान के ये पांच रूप उनकी अद्वितीय शक्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो भक्तों को अनेक प्रकार की समस्याओं और परिस्थितियों से निकालने में मदद करते हैं. इस आर्टिकल में में हम जबलपुर के ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बात करंगे जहां स्थापित हनुमान जी का यह पंचमुखी स्वरुप पुरे जबलपुर में एक ही बताया जाता है जिसके बारे में आपने शयद ही कहीं सुना होगा.

दुर्लभ है हनुमान जी की यह प्रतिमा
जबपलुर शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर भड़पुरा रोड पर पंचमुखी हनुमान जी का एक दुर्लभ स्वरुप स्तिथ है. जिसके दर्शन मात्र से आप तृप्त हो जायेंगे. पंचमुखी हनुमान जी की यह अनोखी प्रतिमा पुरे शहर में सिर्फ एक ही बताई जा रही है. शास्त्रों में पंचमुखी हनुमान जी के दर्शन का विशेष महत्व माना गया है. इस प्रतिमा की उचाई लगभग 25 फीट है. स्थानीय लोगो का कहना है की पुरे जबलपुर में हनुमान जी का ऐसा स्वरुप कहीं और मौजूद नहीं है. बजरंगबली की इस अनोखी प्रतिमा की खासियत यह की ये इसमें आपको हनुमान जी के सभी अवतारों के दर्शन एक साथ हो रहे है साथ ही उन्होंने अपनी गदा के नीचे काल को दबा रखा है, जो आपने शयद ही कहीं देखा होगा.

शहर से 20 किलोमीटर दूर विराजित है सिद्ध हनुमान
स्थानीय लोगो का कहना है की अतुल पांडे नाम के एक बिल्डर द्वारा इस प्रतिमा का यहाँ निर्माण करवाया गया है जोकि गोकुल विहार कॉलोनी में स्थित है. उन्होंने ने बताय की अतुल पांडे हनुमान जी के बहुत बड़े भक्त है और बजरंगबली से प्रेरणा लेकर उन्होंने हनुमान जी की इस विशालकाय प्रतिमा का निर्माण करवाया, और आज हनुमान जी का यह अनोखा स्वरुप पुरे जबलपुर शहर में एक लौता ऐसा स्वरूप है. जहाँ हनुमान जी भक्तों की मनोकामनाए पूर्ण करते है.

क्या है हनुमान जी के पंचमुखी स्वरुप का महत्व
बजरंगबली (वानर रूप): यह रूप उनकी अद्वितीय शक्ति और बल को प्रतिनिधित करता है, जिससे भक्त अपने जीवन के कठिनाईयों का सामना कर सकते हैं.

नरसिंह रूप: यह रूप भक्तों को भयानक और संकटकारी स्थितियों से मुक्ति प्रदान करता है और उन्हें सुरक्षित रखता है.

गरुड़ रूप: यह रूप उन्हें सफलता की ओर आगे बढ़ने में मदद करता है और उन्हें स्वतंत्रता के साथ अपने लक्ष्य की प्राप्ति में सहायक होता है.

वराह रूप: यह रूप धर्म, न्याय, और समृद्धि की प्राप्ति में मदद करता है, जिससे भक्त धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर होते हैं.

शक्तिशाली रूप: यह रूप भक्तों को अद्भुत चमत्कारिक शक्तियों का अनुभव कराता है और उन्हें अनेक प्रकार की समस्याओं के समाधान में मदद करता है.

इस प्रकार, पंचमुख हनुमान के रूप के दर्शन से भक्तों को अद्वितीय और असाधारण शक्तियों की प्राप्ति में मदद करते हैं, जो उन्हें अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता की दिशा में अग्रसर करते हैं.


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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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