यहां विराजित हैं रामलला के प्रिय भक्त बाल हनुमानजी, शयन मुद्रा देख लोग…

रामकुमार नायक/रायपुर. भगवान श्रीराम चंद्र के सबसे बड़े भक्त वीर हनुमान के बारे में कौन नहीं जानता. मान्यताओं के अनुसार आज भी हनुमान जी जीवित हैं. हनुमान जी का छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों में मूर्ति स्थापित की गई है. इन सभी मूर्तियों में से एक खास मूर्ति छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी है. आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला का प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. भगवान राम नन्हें रूप में स्थापित होंगे. छत्तीसगढ़ के इस मंदिर में बाल हनुमानजी शयन मुद्रा में विराजमान हैं. दावा है कि छत्तीसगढ़ में शयन मुद्रा में बाल हनुमानजी का इकलौता मंदिर है.

हनुमान मंदिर के पुजारी प्रमोद मिश्रा ने बताया कि हनुमान जी की बाल मूर्ति राजधानी रायपुर के पुरानी बस्ती रुद्र चौक पर स्थापित है. यहां मंदिर में हनुमान जी बाल रूप में शयन मुद्रा में विराजमान हैं. इस तरह की मूर्ति बहुत है. इसके बड़े रूप में मूर्ति इलाहाबाद में है. एक औरंगाबाद में है. छत्तीसगढ़ में केवल इसी स्थान पर बाल हनुमान शयन मुद्रा में हैं. भक्तों की काफी श्रद्धा बाल हनुमान जी के ऊपर है. भक्त मनोकामना स्वरूप हनुमानजी का श्रृंगार कराते हैं जिससे उनकी मनोकामना बिल्कुल पूरी होती है.

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काफी प्राचीन है मूर्ति

हनुमान जी का श्रृंगार मंगलवार और शनिवार को होता है. यहां भक्त दूर-दूर से आते हैं. नागपुर से आये भक्तों ने इस प्रकार के बाल हनुमान जी के शयन मुद्रा में पहली बार देखने की बात कही थी. शयन मुद्रा में बाल हनुमानजी की मूर्ति का प्रायः सभी भक्त अपने मोबाइल से फ़ोटो लेकर जाते हैं. भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हो रही है इसलिए भक्तों का श्रद्धा भाव बना हुआ है. मूर्ति काफी प्राचीन है. यहां बने मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 2015 में हुई है.

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