रितिका तिवारी/भोपाल. देश भर में गणेश उत्सव की रौनक देखते बनती है लेकिन, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गणेश उत्सव काफी धूम-धाम से मनाया जाता है. हर साल अलग-अलग जगहों पर गणेश भगवान की स्थापना कर पूजा की जाती है. ऐसी ही एक जगह है, जहां पर बप्पा को भोपाल के राजा का दर्जा दिया गया है.
भोपाल के चौक बाजार में ‘भोपाल के राजा’ के नाम से बप्पा विराजमान होते हैं. ये भोपाल की सबसे पुरानी गणेश उत्सव समिति है. ये समिति कई साल से इसी स्थान पर बप्पा की स्थापना करती है. बड़े ही धूम-धाम से गणेश चतुर्थी में पूजा अर्चना की जाती है. यहां पर भगवान का सोने और चांदी से श्रृंगार किया जाता है.
सोने चांदी के आभूषण
भोपाल के राजा की स्थापना साल 1947 में पीपल चौक में हुई थी. यह भोपाल के सबसे पहले गणेश जी थे. जिसकी वजह से इनका नाम ‘भोपाल का राजा’ रख दिया गया. हर साल इनकी पूजा काफी धूम-धाम से की जाती है. बप्पा का श्रृंगार सोने और चांदी से किया जाता है. बप्पा के श्रृंगार में करीबन 3-4 घंटे लगते हैं. यहां बप्पा की प्रतिमा भोपाल की सबसे बड़ी प्रतिमा मानी जाती है, जिसकी हाइट 6 फिट होती है. हर साल इसी स्थान पर बप्पा को स्थापित किया जाता है और बड़े ही हर्षो उल्लास के साथ बप्पा का त्योहार मनाया जाता है.
हर दिन होता है अलग कार्यक्रम
यहां पर गणेश उत्सव का आयोजन डोलग्यारस समारोह समिति की ओर से करवाया जाता है. भोपाल के राजा की स्थापना चतुर्थी के दिन से होती है. बप्पा यहां पर 7 दिन तक विराजमान रहते हैं. जिसमे अलग-अलग दिन कई आयोजन होते है. बप्पा की पूजा हर साल गाजे बाजे के साथ होती है. पूरे भोपाल में यहां की पूजा सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है और दूर- दूर से भक्त भगवान की एक झलक पाने आते है. सुबह और शाम बाप्पा की भव्य आरती होती है.
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FIRST PUBLISHED : September 25, 2023, 10:00 IST