दिलीप चौबे/कैमूर: बिहार के कैमूर में हाल के दिनों में खादी, सिल्क, और मटका वस्त्रों का मेला आयोजित हुआ है, जो लोगों के बीच में आकर्षण का केंद्र बन गया है. इन वस्त्रों की बिक्री भी बढ़ रही है और लोग खरीदने के लिए पहुंच रहे हैं. यह मेला भभुआ के जगजीवन स्टेडियम में आयोजित हुआ है और इसमें बिहार के विभिन्न जिलों के उद्यमी व्यापारी 100 से अधिक स्टॉल्स लगाए हैं. खादी ग्रामोद्योग मेला 8 अक्टूबर तक चलेगा, और यहां पर खादी और कॉटन से बने विभिन्न प्रकार के आकर्षक कपड़े उपलब्ध हैं, साथ ही कई अन्य उत्कृष्ट उत्पादों के स्टॉल भी हैं, जैसे कि आंवला से बने व्यंजन, शहद, लीची और आम का जूस, लेडीज बैग, और लकड़ी से बने आकर्षक आइटम्स.
खादी ग्रामोद्योग मेला में बंडी की है अधिक डिमांड
खादी ग्रामोद्योग मेले में, अमित कुमार ने बताया कि वे भागलपुर से हैं और उन्होंने विभिन्न प्रकार की कपड़ों के स्टॉल लगाए हैं. उन्होंने बताया कि कपड़ों का विशेष रेंज बिक रहा है, और ज्यादातर लोग बंडी कोट की ओर जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि बंडी कोट की कीमत 550 से लेकर 2100 रुपए तक है और इसकी बिक्री भी अच्छी हो रही है, और अब तक 50 पीस की बिक्री हो चुकी है. हालांकि बारिश के कारण बाजार में थोड़ी सी निर्धनता हो रही है, अन्यथा भीड़ अधिक होती। छपरा के रमाशंकर प्रसाद ने बताया कि उनके स्टॉल पर कई प्रकार के कपड़े, जैसे कि कटिया, मटका, सिल्क फैब्रिक, साड़ी, सूट, गमछा, और धोती उपलब्ध हैं.
लोग खरीद रहे हैं खादी कॉटन और तसर मूंगा
रामाशंकर प्रसाद ने बताया कि सेल फैब्रिक कपड़ों की ज्यादा मांग हो रही है और लोग कुर्ता-पैजामा के लिए कपड़ा खरीद रहे हैं. सबसे कम मूल्य वाला खादी कॉटन 250 रुपए प्रति मीटर है, जबकि सबसे महंगा मूंगा कपड़ा 1560 रुपए प्रति मीटर है. पटना से आए संजय कुमार गुप्ता आचार की बिक्री कर रहे हैं और उन्होंने बताया कि पहले वे ठेले पर आचार बेचते थे, लेकिन अब वे खादी ग्रामोद्योग बाजार में अपने घर पर हाथों से बनाया हुआ आचार बेच रहे हैं. उनके पास ज्यादा डिमांड मिक्स आचार का है, जिसे 240 रुपए प्रति किलो ग्राहकों को बेचा जा रहा है.
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FIRST PUBLISHED : October 4, 2023, 17:47 IST