यहां रोबोट कर रहा है जोड़ों का ऑपरेशन, जानिए क्या है सक्सेस रेट

रिपोर्ट- सुमित राजपूत
नोएडा. जोड़ों या हड्डियों का ऑपरेशन आसान नहीं. आधुनिक मेडिकल साइंस में भी ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट को सबसे मुश्किल सर्जरी में से एक माना जाता है. इसमें जरा सी भी गलती बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकती है. इस सर्जरी में वक्त भी बहुत लगता है. साथ ही इसकी रिकवरी भी आसान नहीं होती. लेकिन बदलती तकनीक औऱ साइंस की खोज ने अब डॉक्टर की जगह रोबोट ने ले ली है. रोबोट ऑपरेशन भी कर रहा है और ये सफल भी हो रहे हैं.

नोएडा में अब डॉ रोबोट आ गए हैं. यहां के फोर्टिस अस्पताल ने रोबोट को जोड़ों के ऑपरेशन में लगा दिया है. ये रोबोट करीब 10 महीने में ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट के सैकड़ों ऑपरेशन कर चुका है. मजेदार बात ये कि सभी ऑपरेशन सफल रहे. मरीज फटाफट ठीक हो कर घर लौट गए.

मिलिए डॉ रोबोट से
नोएडा फोर्टिस अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर अतुल मिश्रा ने इस बारे में विस्तार से बताया. मेडिकल साइंस की दुनिया में सबसे पहले रोबोट का उपयोग सबसे पहले कैंसर की सर्जरी में किया गया था. लेकिन जैसे जैसे हम आगे बढ़े रोबोट हार्ट के ऑपरेशन भी करने लगे. और अब जॉइंट रिप्लेसमेंट के लिए भारत में इसे लॉन्च किया गया. डॉ मिश्रा बताते हैं कि फोर्टिस अस्पताल में भी करीब 10 महीने से रोबोट ही जोड़ों के सारे ऑपरेशन कर रहे हैं. जॉइंस रिप्लेसमेंट के ऑपरेशन में सफलता और रिकवरी भी अच्छी है. इसकी सबसे अच्छी बात एक्यूरेसी बहुत है. सुबह की गई सर्जरी वाला पेशेंट शाम तक चलने लगता है. एक महीने के अंदर नॉर्मल एक्टिविटी करने लगता है.

हर हफ्ते सर्जरी
डॉ. अतुल मिश्रा ने बताया रोबोट जो सर्जरी करता है उसमें एक्यूरेसी का बहुत अंतर होता. समय उतना ही लगता है जितना डॉक्टर को लगता है. लेकिन इस सर्जरी में पेशेंट को दर्द कम होता है. रिकवरी रेट बहुत ज्यादा है. लेकिन ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी में रोबोटिक सर्जरी में 10 से 15 प्रतिशत खर्चा ज्यादा आता है. डॉ बताते हैं हमारे अस्पताल में रोज ज्वाइंट रिप्लेसमेंट की चार से पांच सर्जरी हो रही हैं और इनके बेहतर परिणाम आ रहे हैं.

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