आशुतोष तिवारी/रीवा. मध्यप्रदेश का रीवा अपनी प्राचीन संस्कृति और प्राकृतिक धरोहर को संजोकर रखने वाला जिला है. यहां भक्ति और आस्था का संगम भी देखने को मिलता है. महामृत्युंजय की नगरी रीवा में गणेश उत्सव भी काफी धूम धाम से मनाया जाता है. खास बात यह है कि यहां भगवान गणेश की पूजा राजा स्वरूप में की जाती है. यहां के लोग गजानन को आपने क्षेत्र का राजा मानते हैं. सबसे ज्यादा मशहूर अमहिया के राजा है. इसके अलावा रतहरा के राजा भी काफी फेमस हैं.
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणपति विराजते हैं. विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर उनका राज्याभिषेक किया जाता है. ढोल नगाड़े बजाकर और पटाखे जलाकर अमहिया के राजा का स्वागत यहां किया जाता है.अमाहिया में विराजमान भगवान श्री गणेश के ठाठ निराले हैं. यहां के गणेश जी को इस क्षेत्र के राजा यानी अमहिया के राजा के नाम से जाना जाता है.
अपने राजा की विदाई के तैयारी में जुटे श्रद्धालू
गणेश उत्सव के दौरान रीवा शहर में भक्ति और आस्था का समागम अमहिया में होता है. अमहिया गणेश उत्सव समिति के अध्यक्ष शिवेंद्र शुक्ला बताते है कि शहर में आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र अमहिया के राजा है. राजाधिराज गजानन के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए भक्त यहां काफी संख्या में पहुंचते हैं. पिछले 18 वर्षों से यहां अमहिया के राजा जी विराजते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं. अब उनकी विदाई की तैयारी की जा रही है. शहर वासियों ने धूम धाम के साथ गणेश उत्सव मनाया. अब कुछ दिनों में बप्पा से विदा लेने का समय आ गया है. अनंत चतुर्दशी के दिन 28 सितंबर को गणपति का विसर्जन किया जाना है.
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FIRST PUBLISHED : September 26, 2023, 15:24 IST