यहां मौजूद 20 तरह के जलीय पौधे, कमल की 6 प्रजातियां है मनमोहक, आप भी लें जाएं घर

पवन सिंह कुंवर/हल्द्वानी. जलीय पौधे न केवल एक नीरस वातावरण का उत्थान करते हैं, बल्कि उसमें रंग और सुंदरता भी जोड़ते हैं. हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र में 20 से ज्यादा प्रकार के जलीय पौधे अब आपको देखने को मिलेंगे, जलीय पौधों को निहारने का शौक रखते हैं तो आज हम आपके काम की ही खबर लेकर आए हैं. रामपुर रोड पर सुशीला तिवारी अस्पताल के पास स्थित वन अनुसंधान केंद्र में आपको वाटर लिली और कमल के फूल की 20 से ज्यादा प्रजातियां देखने को मिल जाएंगी.

वन अनुसंधान केंद्र में एक्वेटिक जोन बनाया गया है, जिसमें आजकल 20 तरह की वाटर लिली खिली हुई हैं. इसमें कमल की करीब 5 से 6 प्रजातियां हैं, जो मनमोहक तो हैं ही साथ में यह उन छात्र-छात्राओं के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण हैं जो एक्वेटिक प्लांट यानी जलीय पौधों पर शोध कर रहे हैं.

क्या कहते हैं वन क्षेत्राधिकारी?
वन अनुसंधान केंद्र के क्षेत्राधिकारी मदन सिंह बिष्ट ने ज्यादा जानकारी देते हुए बताया कि यह केंद्र लगातार पौधों को संरक्षित करने का काम करता रहा है. इस बार वन अनुसंधान केंद्र ने जलीय पौधों को संरक्षित करने का काम किया है. यहां आपको जलीय पौधे और और कमल की प्रजातियां देखने को मिलेंगी. कमल, जल कुमुदनी, अमेजन सोर्ड, ड्रॉ एक्वेरियम लिली, अमेज़न फ्रॉगबिट, अनूबियास नाना, बटरफ्लाई फर्न, जलकुम्भी, हॉर्नवॉर्ट, क्विल्वॉर्ट प्लांट, जलपरी, वाटर स्प्राइट इंडियन देखने को मिल जाएंगी, जो अपने आप में बेहद खास हैं. लोग इन्हें देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं.

घरों में भी जलीय पौधों का चलन
आजकल लोग घरों में भी जलीय पौधे लगाना पसंद कर रहे हैं ऐसे में  वन अनुसंधान केंद्र से पूरी मदद की जाती है. जो भी यहां पर जानकारी के लिए आता है कि घरों में कैसे हम इसका प्लांट लगाएं, कैसे इसको लगाकर घरों की खूबसूरती बढ़ा सकते हैं, इसके लिए भी हमारे द्वारा लोगों को पूरी जानकारी देने के साथ मदद की जाती है. वन अनुसंधान केंद्र में आकर आपको पेड़-पौधों की महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है.

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