आकाश कुमार/जमशेदपुर. इन दिनों बाजारों में फास्ट फूड का चलन बढ़ गया है. कहीं ना कहीं ये खाने में स्वादिष्ट होते हैं पर स्वास्थ्य के लए लाभदायक नहीं होते. स्वादिष्ट होने के कारण लोग अक्सर चटपटी और मसालेदार व्यंजन मजे लेकर खाते हैं, लेकिन उसका परिणाम लोगों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है.
ऐसे में झारखंड की लोहनगरी जमशेदपुर के साकची आम बागान मेंनाबार्ड किसान मेला लगा है. इसमें गुमला की मीना देवी और प्रियंका देवी ने रागी से बने कई सारे स्वादिष्ट व्यंजन लगाए हैं और शहारवासी इसका जमकर आनंद उठा रहे हैं.
लोकल 18 को जानकारी देते हुए प्रियंका देवी ने बताया कि वे गुमला की कोलावीरा गांव की रहने वाली हैं और इनका एक समूह है, जिसका नाम मेला गव्य विकास प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड है. इस समूह में कुल 500 महिलाएं काम करती हैं और ये सभी रागी का आइटम बनाकर आत्मनिर्भर हैं. इनके पास रागी के बने हुए लड्डू 10 रुपए पीस , निमकी 50 रुपए प्रति250 ग्राम, सकरपाला 50 रुपए प्रति250 ग्राम,मिक्चर 30 रुपए प्रति 250 ग्राम, बिस्किट 20 रुपए पैकेट, केक 30 रुपए पैकेट और चॉकेट 10 रुपए पीस उपलब्ध है.
घर बैठे करें ऑर्डर
यह लोग अलग-अलग जगहों पर स्टॉल लगाकर सामान बेचती हैं. रांची, रामगढ़, हजारीबाग, बोकारो, धनबाद और सरायकेला जाकर लोगों को रागी के आइटमों का दीवाना बना चुकी हैं. घर बैठे भी ऑर्डर कर सामान मंगा सकते हैं. इसके लिए मोबाइल नंबर 6201243181 पर संपर्क कर सकते हैं. दुकान पर रागी के सामानों की खरीदारी कर रहे पिंटू ने बताया कि वर्तमान समय में रागी खाने का चलन लगभग खत्म हो चला है. यहां रागी के इतने सारे आइटम देखकर प्रभावित हो गया. उन्होंने कहा किरागी हमरे पूर्वजों के सबसे ज्यादा लोकप्रिय अनाज में से हुआ करता था, क्योंकि इसे खाने से ब्लूप्रेशर, शुगर और केलास्ट्रोल कंट्रोल में रहता है और गर्भवती महिलाओं के लिए भी यह काफी लाभकारी साबित होता है.
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FIRST PUBLISHED : March 9, 2024, 12:38 IST