शशिकांत ओझा/पलामू. महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है.महिलाएं स्वरोजगार से जुड़कर अपने घर को संभाल रही है.जहां सरकार एक और महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए तरह-तहत ही योजना चला रही है. वहीं, पलामू जिले में हिंडालको की सी एस आर टीम द्वारा महिलाओं को स्वरोजगार से जुड़ने हेतु कई प्रोजेक्ट चलाए जा रहे है. जिसके तहत महिलाएं प्रशिक्षण ले रही है.
इन दिनों आर्टिफिशियल ज्वेलरी की डिमांड बढ़ गई है.महिलाएं खास तरह की डिजाइनडार ज्वेलरी पहनना पसंद करती है. हिंडालको के द्वारा महिलाओं को स्वरोजगार से जुड़ने हेतु तरह-तरह के प्रोजेक्ट चलाए जा रहे है. जिसमें रौशनी प्रोजेक्ट के तहत महिलाओं को आर्टिफिशियल ज्वेलरी की ट्रेनिंग दी जा रही है. पलामू जिले के पड़वा प्रखंड अंतर्गत गाड़ी खास में महिलाएं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. यह प्रशिक्षण 13 दिन की दी जा रही है. इस प्रशिक्षण में करीब 25 महिलाएं तरह तरह की आर्टिफिशियल ज्वेलरी बनाना सीख रही है.
महीने में कमा सकती है 5 से 7 हजार
ट्रेनर संगीता गोयल ने कहा कि यहां महिलाओं को आर्टिफिकेल ज्वेलरी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिसे कस्टम ज्वेलरी भी कहा जाता है. यहां महिलाएं रुचि लेकर इसे सिख रही है. करीब 25 महिलाओं को यहां प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं.यहां प्रतिदिन तीन घंटे का प्रशिक्षण दिया जाता है. जिसमें महिलाओं को लाह की चूड़ी, सी पाटला चूड़ी,तीन सेट चूड़ी, छ सेट चूड़ी, भांगड़ा चूड़ी, जालीदार चूड़ी, नाम फोटो चूड़ी, कांच चूड़ी, कान क्या झुमका, कान का टॉप्स, नथ, टीका, गले का सेट,आलता और अन्य ज्वेलरी के बारे में बताया जा रहा है.जिसे बनाना बेहद आसान है.एक बार प्रशिक्षण ले ली तो 5 से 7 हजार आसानी से कमा सकती है. महिलाओं को यहां बनाने से लेकर पैकिंग तक सिखाया जा रहा है. ताकि कस्टम को पहली नजर में पसंद आ जाए.
नि:शुल्क दिया जा रहा प्रशिक्षण
सी एस आर हेड शोभा रानी महंती ने कहा कि यहां महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिसमें उन्हे आर्टिफिशियल ज्वेलरी का नि: शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है.जिसके लिए बाहर से ट्रेनर बुलाया गया है.उन्होंने बताया कि अब यहीं महिलाएं गांव में महिलाओं प्रशिक्षण देंगी.जिससे वो स्व रोजगार से जुड़ सकती है.हमारा उद्देश्य है की महिलाएं स्व रोजगार से जुड़कर अपना और आने घर का विकास कर सके.
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FIRST PUBLISHED : January 22, 2024, 15:43 IST