यहां मिल रहा बेंत का फर्नीचर, 50 सालों तक देगा साथ! इस दिवाली करें खरीददारी

रूपांशु चौधरी/हजारीबाग. कहा जाता है कि हम भारतीय लोग अपनी जीवन का एक चौथाई कमाई का हिस्सा अपने घर को बनाने और सजाने में लगाते है.हमलोग सदौव अपने घर को एक आकर्षक लुक देने को उत्तेजित रहते है. जिसके लिए हमलोग अपने घर में फूलदान से लेकर कई फर्नीचर खरीदते है.

10 नवंबर को दिवाली का त्योहार आने वाला है. जिसमें हम अपने घर को साफ कर नए तरीके से सजाते है. साथ ही नए नए वस्तुओं यादि की खरीददारी करते है. अगर आप इस दिवाली को अपने घर को आकर्षक बनाने के लिए नए फर्नीचर लेना चाह रहे हैं. तो आपके लिए बेंत के लकड़ी से बने हुए फर्नीचर उपयुक्त विकल्प बन सकते है.

अरुणाचल प्रदेश से मंगवाते है लकड़ी
हजारीबाग के मटवारी गांधी मैदान में लगे हुए डिज्नीलैंड मेला में केन की लकड़ी के फर्नीचर बिकने के लिए आया है. इस फर्नीचर के स्टॉल के संचालक प्रदीप देवनाथ ने कहा  कि उनके परिवार में केन के फर्नीचर बनाने के काम पिछले 300 सालों से चला आ रहा है. ये केन का फर्नीचर उनके परिवार के लोग मिल कर तैयार करते है. इस फर्नीचर को बनाने के लिए सर्वप्रथम इसके लकड़ी को अरुणाचल प्रदेश से मंगाया जाता है.

ढेरों आकर्षक डिजाइन उपलब्ध
प्रदीप देवनाथ आगे बताते हैं कि इस स्टॉल पर केन की लकड़ी के ढेरों डिजाइन के फर्नीचर उपलब्ध हैं. जिसमें सोफा सेट, कुर्सी, छोटे बच्चों के लिए कुर्सी, रॉकिंग चेयर आदि शामिल है. सोफा सेट की शुरुआत महेश 20000 रुपए हो जाती है यह 5 सीटर होता है. वहीं सिंगल रैकिंग कुर्सी के की कीमत 3500 रुपए है.

50 वर्षों तक देंगे साथ
स्टॉल के संचालक प्रदीप देवनाथ आगे बताते हैं कि यह फर्नीचर 50 सालों तक ग्राहक का साथ देंगे. इस लकड़ी में किसी प्रकार का कीड़ा नहीं लगता है. जिस कारण ये लंबी अवधी के लिए सेफ है. ग्राहक एक बार खरीद कर वर्षो तक निश्चित हो सकता है. लेकिन 5 वर्षों के अंतराल में एक बार पॉलिशिंग अवश्य करवा लेना चाहिए ताकि किसी भी तरह की कोई परेशानी इस फर्नीचर में ना आए. ये केन के फर्नीचर हजारीबाग मटवारी गांधी मैदान में लगे हुए डिज्नीलैंड मेले A 4 स्टॉल पर उपलब्ध है.

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