यहां मिलता है रस और स्वाद से भरा ‘रसगुल्ला’, रोजाना 1 क्विंटल की है बिक्री

विशाल कुमार/छपरा: मिठाई का स्वाद इसके चाहने वालों से बेहतर शायद कोई और नहीं जान सकता है. बात अगर मीठे की हो और रसगुल्ले का नाम ना आए ऐसा हो ही नहीं सकता है. जिसके नाम में ही रस टपकता हो तो उसका लाजवाब स्वाद किसी को भी दीवाना बना सकता है.

रसगुल्ला तो अमूमन हर शहर में बनता और बिकता है, लेकिन छपरा-मांझी मार्ग पर इनई पुल के पास बनने वाला स्पेशल स्पंजी रसगुल्ले इतना इतना लाजबाब है कि जिसने इसका स्वाद एक बार चख लिया, वह इसका दीवाना बनकर रह गया. यह स्पेशल रसगुल्ला सिर्फ नाम का नहीं बल्कि स्वाद और साइज में भी अन्य रसगुल्लों से खास है. यहां का रसगुल्ला छपरा सहित आस-पास के जिलों में भी फेमस है.

रोजाना एक क्विंटल से अधिक रसगुल्ले की है खपत

जीवन सिंह ने बताया कि छपरा में इनई पुल के पास बिकने वाले रसगुल्ला का स्वाद काफी खास है. यह स्पंजी रसगुल्ला लोगों को 10 रुपए पीस में खाने को मिलता है. वहीं 200 रुपए किलो के हिसाब से बेचा जाता है. रोजाना एक क्विंटल तक की बिक्री हो जाती है. रसगुल्ला मखमल की तरह सॉफ्ट रहता है. बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक इस स्पेशल स्पंजी रसगुल्ले को आराम से खा सकते हैं.

दुकानदार ने बताया कि यह दावा है कि एक बार इसे खाने के बाद आप दोबारा स्वाद लेने जरूर आएंगे. यहां छपरा और आस-पास के जिला के अलावा यूपी से भी लोग यह रसगुल्ला खाने के लिए आते हैं और शादी सहित अन्य मांगलिक आयोजन में आर्डर देकर ले भी जाते हैं.

आर्डर की पूर्ति कर पाना हो जाता है मुश्किल

स्पंजी रसगुल्ला बनाने वाले कारीगर भीम हलवाई ने बताया कि शुद्ध दूध से को फाड़कर छेना निकाला जाता है और उसी छेना से रसगुल्ला तैयार किया जाता है. रसगुल्ले की बिक्री इतना है कि ऑडर की पूर्ति भी कर पाना मुश्किल हो जाता है. दुकानदार जीवन सिंह ने बताया कि पिता रामेश्वर सिंह के नाम से यह दुकान मशहूर है. उन्होंने बताया कि पिताजी चाय और पेड़ा बनाया करते थे.

पिता के बाद तीन भाइयों ने इस कारोबार को संभाला है और कई स्वादिष्ट मिठाई बनाते हैं. जिसमें सबसे अधिक रसगुल्ला की बिक्री है. तीन भाइयों के अलावा एक हलवाई भी यहां काम काम करते हैं. उन्होंने बताया कि इस दुकान से चार से पांच लोगों का भरण-पोषण भी हो जाता है.

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