यहां माता अंजना की गोद में बजरंगबली विराजमान,लोग कहते हैं यहीं जन्मे थे हनुमान

 अनंत कुमार/गुमला.भगवान हनुमान को कलयुग का देवता माना जाता है. भारी संख्या में इनके भक्त भी हैं. झारखंड के गुमला का आंजन धाम बजरंगबली की जन्मस्थली है. जो जिला मुख्यालय से लगभग 19 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. यहां प्रत्येक मंगलवार को विशेष पूजा अर्चना की जाती है.इसके साथ ही हनुमान चालीसा पाठ, भजन-कीर्तन और महाभंडारा का भी आयोजन किया जाता है. सर्वप्रथम प्रसाद बनाकर मंदिर में भोग लगाया जाता है. उसके पश्चात प्रसाद का वितरण किया जाता है. आंजन धाम का पट रोजाना प्रातः 5:00 बजे खुल जाती है, जो रात्रि के 7:00 बजे तक खुला रहती है. पट खुलने से बंद होने तक भक्तों का आने-जाने का सिलसिला जारी रहता है.

चारों ओर से घिरे जंगल व पहाड़ों के बीच आंजन धाम में मां अंजनी के गोद में बाल हनुमान जी विराजे हुए हैं. प्राकृतिक की अद्भुत छंटा मन मोह लेती है. यहां मंदिर के अलावा कुंदरीवाड़ा, दोधारा, धीमधिमिया, चांद गुफा, जुगी डेरा,हाकुवाड़ा, रामायण टांड़ ,महादेव स्थान,चक्रधारी महादेव,पंचमुखी महादेव, त्रिलोकी पहाड़, डूमर टांड़,नाग गुफा, पुरना पानी,शथयारिन,गुफा,तालाब, शिवलिंग, महुवा पेड़ इत्यादि साक्ष्य के रूप में आज भी मौजूद है.

आंजन धाम में मौजूद धरोहर
बताया जाता है कि आंजन में 365 शिवलिंग, 365 तालाब, 365 महुआ का पेड़ था. उनमें से कुछ विलुप्त हो गई है. कुछ अभी भी साक्ष्य के रूप में मौजूद है. मां अंजनी कुंदरीवाड़ा में स्नान करती थी, उसके बाद प्रत्येक दिन अलग-अलग तालाब से पानी लेकर, महुआ के अलग-अलग पेड़ से फूल तोड़ कर अलग-अलग शिवलिंग की पूजा करती थी. पहान पुजार सीताराम उरांव ने बताया कि आंजन धाम हनुमान जी की जन्म स्थली है.यहां की गुफा गर्भ गृह के नाम से जाना जाता है. यहां मंदिर के अलावा अन्य प्राचीन धरोहर उपलब्ध है. जो साक्ष्य है.मंदिर के गुफा के उत्तर की ओर नाग गुफा, चांद गुफा, पुरनापानी इत्यादि है.वहीं, गुफा के पश्चिम की ओर मां अंजनी का नहाने का स्थल कुंदरीवाड़ा है. जनश्रुति के अनुसार यहां की तालाबों को एक ही रात में खोदा गया था.

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