यहां पर मिलेगा आपको खोया, गुड़ और चीनी का तिलकुट… ठंड में स्वाद हो जाएगा दोगुना 

विक्रम कुमार झा/पूर्णिया : सर्दी की शुरुआत होते ही बाजार में तिलकुट की डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे में सर्द में ही मकर संक्रांति का पर्व हिंदू धर्म में खास महत्व के साथ मनाया जाता है. इस पर्व में तिल की बनी सामग्री की पूजा की जाती है और लोग इस तिल खाते हैं.

अगर आप पूर्णिया के हैं और आप भी तिलकुट का स्वाद लेना चाहते हैं, तो पूर्णिया में इस जगह पहुंचे जहां पर आपको गया के कारीगर के द्वारा खोया, गुड़ और चीनी से बने तिलकुट शुद्धता के साथ बनता है. पूर्णिया में देव तिलकुट भंडार के दुकानदार लालचंद कहते हैं कि हमारे इस दुकान में गुड़ का तिलकुट, खोया का तिलकुट और चीनी वाला तिलकुट मिलेगा. यह गया के खास कारीगरों के द्वारा बनाया जा रहा है.

पूर्णिया में यहां आना होगा
पूर्णिया में खोया, चीनी और गुड के यह तिलकुट आरएन शाह चौक से भट्ठा बाजार जानें के क्रम में रास्ते मे मिलेंगे. यहां पर आपको आपके पसंद का तिलकुट मिलेगा.पूर्णिया के देव तिलकुट भंडार में आपको खोया, गुड़ और चीनी के बनें तिलकुट ₹400 प्रतिकिलो से ₹500 किलो, ₹600 प्रति किलो में आपको मिल जायेगा.

ठंड कम पड़ने से तिलकुट की कम होती है बिक्री
उन्होंने कहा के तिलकुट तैयार करने के लिए उनके यहां पर लगभग 10 कारीगर हैं. अलग-अलग तरह से तिल की सफाई कर इसकी प्रोसेसिंग कर तैयार करते हैं. उन्होंने कहा कि यह दुकान हर साल लगाते हैं. ठंड की शुरुआत हुई है, लेकिन अभी ठंड कम होने के कारण लोग बहुत कम तिलकुट खरीदारी कर रहे हैं. कई लोग तिलकुट लेने आते हैं. सबसे ज्यादा लोग अभी गुड वाले तिलकुट की खरीदारी करते हैं. खोया वाला तिलकुट कम खरीदते हैं. कीमत महंगा होने के कारण लोग कम लेते हैं.

गया के खास कारीगर ने बताया बनाने का तरीका
तिलकुट बनाने वाले कारीगर कहते हैं कि पहले चीनी डालते हैं. चासनी डालते हैं, फिर नींबू डालते हैं, फिर उसको सूजी पर प्रोसेसिंग करते हैं. फिर उसके सफाई होता है. फिर उसकी फट फट मारते हैं. फिर कटिंग कर तैयार करते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि अलग-अलग फ्लेवर के तिलकुट बनाने का अलग-अलग तरीका होता है. हालाँकि उन्होंने कहा ग्राहकों की डिमांड देखते हुए रोजाना डेढ़ क्विंटल तिलकुट बना लेते है.

Tags: Bihar News, Local18, Purnia news

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *