अमित कुमार/समस्तीपुर : अगर आपको कुछ अलग करना है तो पारंपरिक खेती से हटकर काम करना होगा. समस्तीपुर जिला के मोहिउदीननगर प्रखंड के बस्ती गांव में किसान दिनेश सिंह ने यही किया. आलू-मक्का, तंबाकू इत्यादि की खेती से हटकर बड़े पैमाने पर परवल की खेती कर अच्छी मुनाफा कमा रहे हैं. उनके पड़ोसी किसान द्वारा छोटे पैमाने पर परवल की खेती की जाती थी.
जो अच्छा मुनाफा होते देख इन्होंने ने भी परवल की खेती की ओर रुख किया. आज 2 एकड़ से अधिक खेतों में परवल की खेती कर अच्छी मुनाफा कमा रहें है. खेत पर जाने के बाद चारों तरफ सिर्फ आलान पर परवल दिखाई देता है. इससे इनको 2 लाख का मुनाफा हर सीजन में होता है.
किसान दिनेश सिंह कहते हैं कि आलू-मक्के की खेती करने में मुनाफा नहीं है. इसलिए किसानों को अलग हटकर खेती करना चाहिए. उन्होंने बताया कि अगर मार्केट रेट अच्छा रहा तो खर्च काट कर दो एकड़ में 2 लाख से अधिक का मुनाफा हो जाता है. वहीं उपज होने के बाद परवल की बिक्री की बात करें, तो उन्होंने कहा कि जब गद्दी (परवल बाजार) से परवल की डिमांड आने लगती है तो वह गाड़ी रिज़र्व कर मार्केट भेज देते हैं. अक्सर व्यापारी खेत में ही आकर परवल खरीद लेते हैं.
लीज पर जमीन लेकर करते हैं खेती
दिनेश सिंह बताते हैं कि वह लीज पर ही जमीन लेकर परवल की बड़े पैमाने पर खेती करते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि कमाई मौसम के अलावा उत्पादन और मार्केट पर निर्भर करता है. वर्तमान समय में परवल की व्यापारिक कीमत 20 हजार प्रति क्विंटल है. बताया जाता है कि 5-6 दिनों पर परवल तोड़ते हैं. जो की 5- 6 दिनों पर चार से पांच क्विंटल परवल निकल जाता है.
बताया जाता है कि वह पारंपरिक खेती से हटकर इसीलिए परवल की खेती करते हैं कि पारंपरिक खेती हर कोई करता है. इसी वजह से उसकी कीमत सीमित रह जाती है. लेकिन परवल की खेती में मौसम के हिसाब से की कीमतों में उतार-चढ़ाव हमेशा होते रहता है. अच्छी कीमत फसल का मिल जाता है.
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FIRST PUBLISHED : December 11, 2023, 19:26 IST