यहां तैयार होता है पशुओं के लिए पौष्टिक आहार, मशीन लगाकर शुरू किया ‘साइलेज’ का प्रोडक्शन

शिवहरि दीक्षित/हरदोई. हरदोई के किसान नवाचारों की ओर बढ़ रहे हैं. अब खेती-बाड़ी सिर्फ आजीविका कमाने का एकमात्र जरिया नहीं रहा, बल्कि और फसलों की ओर भी किसानों की रुचि विकसित हो रही है, जो अच्छा मुनाफा देने के साथ-साथ कम समय और कम खर्च में ही पैदा हो जाती है.

हरदोई में एक शख्स के द्वारा दूसरे जनपद से आकर लीज पर जमीन लेकर साइलेज प्रोडक्शन का काम किया जा रहा है. पहले तो खुद के इस्तेमाल के लिए प्रोडक्शन कर रहे थे. लेकिन अब उसे बेच कर लाखों की कमाई भी कर रहे हैं.

सीतापुर जिले के कस्बे महोली के रहने वाले संतोष कुमार दीक्षित ने हरदोई में आकर साइलेज बनाने की मशीन लगा रखी है. उन्होंने हरदोई बेनीगंज क्षेत्र में एक जमीन के बड़े से भूखंड को लीज पर लिया फिर उसके बाद इस मशीन को स्थापित करके साइलेज का प्रोडक्शन शुरू कर दिया. जो कि अब बेहतर तरीके से चल रहा है.

खुद की गायों के लिए शुरू किया था यह काम

संतोष कुमार दीक्षित बताते हैं कि उनके पास कामधेनु योजना के तहत लगभग 60 गाय हैं. जिनके बेहतर चारे की व्यवस्था के लिए उन्होंने साइलेज बनाने की मशीन लगाई थी. मगर अब वह इस प्रोडक्शन को बाहर भी सप्लाई करते हैं.भूसे की महंगाई के दौर में साइलेज पशुओं के चारे के रूप में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. स्वादिष्ट होने की वजह से पशु इसे चाव से खाते हैं.

इस तरह तैयार होता साइलेज

संतोष कुमार दीक्षित किसानों से उनके खेत से ही मक्के की फसल को मय फल यानी कि भुट्टे सहित खरीद लेते हैं और इसके बाद इस फसल की मशीन द्वारा कटाई की जाती है. जब यह छोटे-छोटे टुकड़ों में चारे के लायक हो जाता है तो इसको पैकिंग के लिए मशीन में डाल दिया जाता है. आधुनिक मशीन से इसकी बेहतर तरीके से पैकिंग हो जाती है. वह बताते हैं कि पशुओं के लिए यह साइलेज चारा बहुत ही फायदेमंद होता है क्योंकि यह मक्के से बनता है जो कि काफी पौष्टिक होता है.

होती है लाखों में कमाई

हरदोई में साइलेज का प्रोडक्शन करने वाले संतोष बताते हैं कि उन्होंने साइलेज बनाने की मशीन को पंजाब प्रांत से मंगवाया था. पहले तो वह इसे अपनी डेयरी के लिए प्रोडक्शन के इस्तेमाल में लाते थे. मगर अब वह इसकी सप्लाई बाहर भी कर रहे हैं. जिससे उन्हें अनुमानित वार्षिक आय 5 से 7 लाख रुपए हो जाती है. वहीं संतोष कुमार का कहना है कि अगर उनका यह साइलेज हरदोई प्रशासन यहां के गौशालाओं के लिए खरीदता है तो वह इसकी सप्लाई बाहर ना करके जिले में ही करने लगेंगे. जिससे यहां के गौवंशों को पौष्टिक चारा भी मिलता रहेगा.

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