यहां ग्रामीण क्षेत्रों से शहर में आए बंदर, लोगों में दहशत का माहौल, यह है वजह

विशाल झा/गाजियाबाद : अभी गाजियाबाद में कुत्तों के काटने के मामले थमे ही थे कि बंदरों का आतंक शुरू हो गया. मौसम में बदलाव आने के कारण गाजियाबाद के ग्रामीण क्षेत्र से बंदरों का पलायन शहरी क्षेत्र की ओर हुआ है. ऐसे में मेट्रो के खंभे, घरों की छत और सड़क बंदरों की भारी तादाद देखने को मिल रही है. बंदरों की इस बड़ी हुई संख्या को देखकर लोगों में दहशत का माहौल है.

इस बीच गाजियाबाद में पिछले 1 महीने में बंदरों के काटने के मामले भी बढ़े है. जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है. गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी भवतोष संखधर ने बताया कि एआरबी की वैक्सीन को पीएचसी, सीएचसी में उपलब्ध किया गया है. बंदरों के काटने पर ये वैक्सीन दी जाती है. इसके साथ ही एडवाइजरी जारी करके लोगों को बंदरों से बचाव के बारे में भी बताया गया है. ऐसी कोई भी हरकत करने के लिए मना किया गया है जिससे कि बंदर आक्रामक होते हो. जिला संजय नगर अस्पताल में एंटी रेबीज क्लिनिक भी मरीज के लिए खुला हुआ है. किसी भी प्रकार की समस्या होने पर उसे क्लीनिक में जाकर वैक्सीन के साथ ही आगे का इलाज भी ले सकते है.

बंदरों के काटने पर क्या करना चाहिए

मंकी बाइट के तुरंत बाद आपको अपने करीबी चिकित्सालय जाना चाहिए. डॉक्टर के पास जाने से पहले मंकी बाइट के केस में प्राथमिक उपचार की जरूरत रहती है. जिस हिस्से में बंदर ने काटा है,उस हिस्से को साबुन व पानी से पहले अच्छी तरीके से धोना चाहिए. कटे हुए घाव को देखना चाहिए कि उस हिस्से में कुछ फंसा तो नहीं है, जैसे की दाँत, बाल आदि.अगर घाव बड़ा हो और खून निकल रहा हो तो उस पर पट्टी बांध लेनी चाहिए.उस हिस्से पर एंटी-बैक्टीरियल क्रीम भी लगानी चाहिए. इसके बाद रेबीज व टिटनेस का इंजेक्शन लगाना चाहिए. इजेक्शन ना लगने की स्थिति में व्यक्ति की मौत भी हो सकती है.

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