सऊदी अरब के प्रिंस ने इजरायल और गाजा के बीच चल रहे युद्ध (Saudi Prince On Israel Gaza War) के बीच दोनों देशों की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि इस संघर्ष में कोई भी हीरो नहीं है बल्कि सिर्फ पीड़ित हैं. सऊदी प्रिंस तुर्की अल फैसल ने अमेरिकी विश्वविद्यालय में एक भाषण के दौरान भारत का भी जिक्र किया. उन्होंने सविनय अवज्ञा के माध्यम से कब्जे का विरोध करने के उदाहरण के रूप में स्वतंत्रता आंदोलन का उदाहरण दिया.उन्होंने कहा कि कब्जे वाले धड़े को विरोध करने का अधिकार है, चाहे वह सैन्य रूप से ही क्यों न हो. सऊदी प्रिंस ने कहा, “मैं फिलिस्तीन में सैन्य विकल्प का समर्थन नहीं करता. मैं दूसरा विकल्प पसंद करता हूं: नागरिक विद्रोह और अवज्ञा. इसने भारत में ब्रिटिश साम्राज्य और पूर्वी यूरोप में सोवियत साम्राज्य को ध्वस्त कर दिया था.”
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सऊदी प्रिंस ने की हमास हमले की निंदा
उन्होंने कहा कि इजराल सैन्य रूप से बहुत ही मजबूत है और दुनिया गाजा में उसकी तबाही को देख ही सकती है. इजरायल के खिलाफ युद्ध का आगाज करने वाले हमास पर निशाना साधते हुए सऊदी प्रिंस ने कहा,”मैं स्पष्ट रूप से हमास द्वारा किसी भी उम्र के नागरिक को निशाना बनाने की निंदा करता हूं, जैसा कि उस पर आरोप लगाया गया है. इस तरह का लक्ष्य हमास के इस्लामी पहचान को झुठलाता है.” उन्होंने कहा कि निर्दोष बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की हत्या और पूजा स्थलों को अपवित्र करना इस्लाम नहीं है.
सऊदी प्रिंस ने इजरायली सरकार को हमले का मौका देने के लिए हमास की आलोचना की उन्होंने कहा, “मैं इस सरकार को गाजा से उसके नागरिकों का सफाया करने और उन पर बमबारी करने का मौका देने के लिए हमास की निंदा करता हूं.” इसके साथ ही उन्होंने फिलिस्तीन मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान तक पहुंचने के सऊदी अरब के प्रयास को विफल करने के लिए हमास की आलोचना की. हालांकि सऊदी प्रिंस ने गाजा और वेस्ट बैंक में निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाने वाले जवाबी हमले के लिए इज़रायल की आलोचना में कुछ भी नहीं कहा. उन्होंने कहा कि दो गलत एक सही नहीं बना सकते.
सऊदी प्रिंस का इजरायल पर निशाना
अमेरिकी मीडिया द्वारा इजरायल में हमाल के हमले को अकारण बताए जाने वाले बयान को लेकर सऊदी प्रिंस ने सख्त प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि इजरायल ने पूर्व में फिलिस्तीनी लोगों के साथ जो किया है, उससे ज्यादा उकसावे की क्या जरूरत है?.”उन्होंने फिलिस्तीन पर की गईं ज्यादतियों और नागरिकों की हत्या को लेकर इजरा.ल पर निशाना साधते हुए कहा कि यह रक्तपात बंद होना चाहिए.
उन्होंने तेल अवीव पर फिलिस्तीनियों की जानबूझकर हत्याओं और नागरिकों को जेल में डालने का आरोप लगाते हुए फिलिस्तीनी जमीन चोरी करने के लिए इजरायल की निंदा की. संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक, इज़राइल के शहरों पर हमास के हमलों और क्रूर जवाबी कार्रवाई में अब तक 5,800 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.
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