यहां करवा लिया शादी का रजिस्ट्रेशन, तो विदेश जाने के साथ इस काम में होगा फायदा

गौरव सिंह/भोजपुर. बिहार के आरा रजिस्ट्री कार्यालय में शादी का रजिस्ट्रेशन कराने पर नव दंपति को गुलाब के फूलों का गुलदस्ता उपहार स्वरूप दिया जाएगा. यह पहल सब रजिस्ट्रार तारकेश्वर पांडेय ने शुरू की है. शादी का निबंधन कराने में रुचि नहीं लेने वाले नवविवाहित जोड़े को लुभाने के लिए इस अनोखे उपहार की शुरुआत की गई है. इसके साथ ही शादी के निबंधन का प्रमाण-पत्र भी दिया जाएगा. ऐसा करने वाला आरा रजिस्ट्री कार्यालय जिले का पहला रजिस्ट्री कार्यालय है.

सब रजिस्टार तारकेश्वर पांडेय ने बताया कि सरकार की ओर से शादी के निबंधन को बढ़ावा देने के लिए मामूली शुल्क निर्धारित किया गया है. निबंधन के लिए आवेदन प्रपत्र का शुल्क मात्र 100 रुपए रखा गया है. जबकि निबंधन शुल्क 200 रुपए रखा गया है. बावजूद लोग शादी का निबंधन कराने में रुचि नहीं ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से समय-समय पर इसका प्रचार-प्रसार भी किया जाता है. उम्मीद की जा रही है कि रजिस्ट्री कार्यालय की नई पहल के बाद शादी निबंधन का आंकड़ा बढ़ेगा. मालूम हो कि वर्ष 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए विवाह को पंजीकृत करना अनिवार्य कर दिया था. उन्होंने बताया गया कि अप्लाई करने के 30 दिनों के बाद और 90 दिनों के अंदर निबंधन कराना अनिवार्य है. इसके बाद आवेदन रद्द हो जाता है. निबंधन कराने के लिए वर-वधू का उम्र प्रमाण-पत्र, आवासीय प्रमाण-पत्र, वर-वधू की फोटो, दोनों पक्षों की ओर से तीन गवाहों के नाम या तीन परिचित और आवेदन पर पति-पत्नी का हस्ताक्षर भी जरूरी है.

रजिस्टर्ड विवाह के लाभ
1. यदि आप जीवनसाथी वीजा पर विदेश यात्रा करना चाहते हैं या किसी अन्य देश में निवास के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो आपको एक वैध विवाह प्रमाण-पत्र देना होता है या आप एक साथ होम लोन के लिए अप्लाई करेंगे तो भी मैरिज सर्टिफिकेट की मांग की जाएगी.
2. भारत के साथ-साथ भारत के बाहर के देशों में भी विदेशी दूतावास पारंपरिक विवाह को मान्यता नहीं देते हैं. इसलिए विवाह को साबित करने के लिए विवाह प्रमाण-पत्र अनिवार्य है.
3. जीवनसाथी को संपत्ति के उत्तराधिकार के मामले में कानूनी कार्यवाही भी आसान हो जाएगी.
4. यदि किसी नामांकित व्यक्ति के बिना जमाकर्ता या बीमाकर्ता की मृत्यु हो जाती है, तो यह पति/पत्नी को पारिवारिक पेंशन या बैंक जमा या जीवन बीमा लाभ का दावा करने में सक्षम बनाता है.
5. अगर आपको शादी के बाद अपना नाम बदलना हो या पासपोर्ट के लिए आवेदन करना हो या बैंक खाता खोलना हो तो प्रमाण-पत्र की जरूरत पड़ती है.
6. यह विवाह के बाद पति या पत्नी को अपने जीवनसाथी द्वारा त्यागने से भी बचाता है.
7. पहली शादी टूटने के बाद व्यक्ति दूसरी बार वैवाहिक गठबंधन में प्रवेश कर पाता है.
8. संपत्ति के हस्तांतरण या कानूनी अलगाव के मामले में बच्चों की कस्टडी के लिए, अदालत को पारिवारिक अदालत में विवाह का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है.

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