यहां उपलब्ध हैं 26 प्रकार के पौधे, निरीक्षण के लिए पहुंचेगे वैज्ञानिक

राजकुमार सिंह/वैशाली. केले की खेती के लिए उन्नत नस्ल का पौधा और साथ में कृषि वैज्ञानिकों की सलाह लेना चाहते हैं, तो आपको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है. दरअसल, जिले के गोरौल केला अनुसंधान केंद्र में नए प्रभेद का पौधा किसानों के लिए 10 से 25 रुपया में उपलब्ध है.

किसान केला अनुसांधान केंद्र पहुंचकर आसानी से फॉर्म भरकर केले का पौधा खरीद सकते हैं. पौधा लगाने के एक महीने बाद किसान को अगर किसी प्रकार की दिक्कत महसूस होती है, तो अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक किसान की खेत पहुंचकर पौधे को देखते हैं. इसके बाद किसान को उचित सलाह देते हैं.

26 प्रकार के उपलब्ध हैं पौधे

केला अनुसंधान केंद्र में किसानों के लिए सबसे बेहतर 26 प्रभेद के केले का पौधा उपलब्ध है. जिसे किसान अपनी खेत में लगाकर साल में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. बताया गया कि यहां से किसान सबसे अधिक G-9, लाल केला, बतीसा और चिनिया प्रभेद के केले का पौधा खरीदते हैं. केला अनुसंधान केंद्र प्रभारी एसके ठाकुर ने बताया कि गोरौल में 17 मार्च 2017 को भारत सरकार के कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने केला अनुसंधान केंद्र की शुरुआत की थी. यहां 26 प्रभेद के केला का पौधा उपलब्ध है.

10 से 25 रुपए में मिलता है पौधा

केला अनुसंधान केंद्र प्रभारी एसके ठाकुर ने बताया कि यहां 26 प्रकार के केला का पौधा उपलब्ध है. इसकी खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. अनुसंधान केंद्र में किसानों के लिए 10 से लेकर 25 रुपए तक पौधा उपलब्ध है.

वे बताते हैं कि किसान अगर यहां से केला का पौधा खरीदते हैं, तो उन्हें वैज्ञानिक सलाह भी दी जाती है. एक माह तक अगर केले के पौधे में किसी तरह की दिक्कत उत्पन्न होती है, तोअनुसंधान केंद्र से वैज्ञानिक जांच के लिए जाते हैं. इसके बाद किसानों को उचित सलाह देते हैं. इन्हीं सुविधाओं के कारण यहां से न सिर्फ वैशाली बल्कि मुजफ्फरपुर, छपरा और समस्तीपुर के किसान भी केला का पौधा खरीदते हैं.

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