‘यदि वो समझदारी भरा निर्णय लेने में सक्षम है तो…,प्रेम विवाह को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम फैसला

प्रयागराज. प्रेमी से अपनी मर्जी से शादी करने वाली नाबालिग लड़की को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. मामला अलीगढ़ की लड़की से जुड़ा है जिसने अपनी मर्जी से प्रेमी के साथ शादी की थी. इस केस को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि यदि एक नाबालिग लड़की अपने हित और भविष्य के जीवन के लिए समझदारी भरा निर्णय लेने में सक्षम है तो उसे अपने पसंद के व्यक्ति के साथ रहने का हक है. हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि नाबालिग लड़की की कस्टडी का निर्णय लेते समय उसके हित को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए.

हाईकोर्ट ने अपनी पसंद के व्यक्ति से विवाह करने वाली नाबालिग लड़की की कस्टडी उसके पति को सौंपने की मांग वाली अर्जी स्वीकार कर ली है. यह आदेश जस्टिस वी के बिडला और जस्टिस विनोद दिवाकर की डिवीजन बेंच ने दिया है. दरअसल,अलीगढ़ की शिवानी और मनीष प्रताप सिंह ने याचिका दायर कस्टडी की गुहार लगाई थी. कोर्ट में कहा था कि उन्होंने अपनी मर्जी से शादी की है, जबकि नाबालिग लड़की के पिता की ओर से अलीगढ़ के गांधी पार्क थाने में नाबालिग लड़की के अपहरण  का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी.

एफआईआर दर्ज होने के बाद अलीगढ़ पुलिस ने लड़की को बरामद कर नारी निकेतन भेज दिया था और उसके पति मनीष प्रताप सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जिसके बाद दोनों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा वो पति-पत्नी की तरह रह रहे हैं. हालांकि शिवानी के शैक्षिक रिकॉर्ड से पता चला कि शादी के समय उसकी आयु 16 वर्ष चार माह थी. पति मनीष ने शिवानी की अभिरक्षा की मांग में याचिका की.

कोर्ट ने इस केस की सुनवाई करते हुए कहा कि अन्य पीठों ने लगातार यह दृष्टिकोण अपनाया है कि जो नाबालिग अपने भविष्य के जीवन के लिए निर्णय लेने की क्षमता रखती है और स्वेच्छा से वैवाहिक रिश्ते में बंधी है, उस पर विचार करना चाहिए.

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