मौनी अमावस्या पर लाखों की तादाद में पहुंचे श्रद्धालु, तुलसीदास को यहीं हुआ था श्रीराम का दर्शन!

विकाश कुमार/चित्रकूट: धर्म नगरी चित्रकूट भगवान राम की साधनास्थली के रूप में विश्व विख्यात है. आज माघ के महीने में पड़ने वाली मौनी अमावस्या के दिन लाखों की तादात में श्रद्धालु धर्म नगरी चित्रकूट पहुंचे हैं. जहां मंदाकिनी नदी में स्नान करने के बाद श्रद्धालु कामदगिरी की परिक्रमा कर पूजा अर्चना कर रहे हैं. इस दौरान प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं.

बता दें कि धर्म नगरी चित्रकूट में माघ की मौनी अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है.मान्यता है कि आज भी श्री राम चित्रकूट में ही वास करते हैंऔर जो भी आज के दिन मंदाकिनी नदी में स्नान करता है उसके जन्म जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं. श्रद्धालु आज के दिन स्नान करने के बाद कामदगिरि मतगजेंद्रनाथ मंदिर में पूजा अर्चना भी करते हैं.

अमावस्या के दिन तुलसीदास जी को हुआ था श्रीराम का दर्शन
चित्रकूट के पुजारी मोहित महराज ने बताया की चित्रकूट में दो ही अमावस्या खास है. पहली दीपावली और दूसरी मौनी अमावस्या.अमावस्या के दिन ही तुलसीदास जी को भगवान श्री राम का दर्शन हुआ था.आज भी संत कहते हैं की मौनी अमावस्या के दिन भगवान स्वयं यहां स्नान करने आते हैं. तुलसी दास जी को जब भगवान का कहीं दर्शन नहीं हुआ. तब बनारस में हनुमान जी ने बताया था की आपको चित्रकूट में अमावस्या के दिन ही दर्शन होगा. संत व ऋषि मुनियों का कहना है की माघ की मौनी अमावस्या में चित्रकूट में कोई मंदाकिनी में स्नान करता है तो उसके जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं और उसको मोक्ष मिलता है.

अमावस्या में स्नान करने की विधि
उन्होंने आगे की जानकारी देते हुए बताया कि अमावस्या में स्नान करने की विधि भी है. जो राम नाम के जाप के साथ अमावस्या के दिन स्नान करते हैं. उनको आज भी भगवान और संतों का दर्शन हो रहा है. उन्होंने बताया की जो हनुमान जी का कलयुग में अवतार तोते के रूप में हुआ वह भी अमावस्या के दिन ही हुआ है.

Tags: Local18, Lord Ram

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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