नीरज कुमार/बेगूसराय:- गरीब, बीपीएल व लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के लिए शासन ने साल 2007-08 में कबीर अंत्येष्टि अनुदान योजना की शुरुआत की थी. सरकार का उद्देश्य गरीब परिवार के सदस्य की मौत के बाद दाह-संस्कार के लिए उन्हें तत्काल आर्थिक मदद करना था. लेकिन सरकारी पेंच के कारण शुरुआती दिनों से ही यह योजना कागज में दफन सी हो गई. हालात ऐसे हैं कि किसी-किसी जिले के प्रखंड या फिर नगर निकाय में लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में बेगूसराय जिला प्रशासन के एक आदेश से अब यहां के गरीब परिवार के लोगों को इस योजना का लाभ मिलने की संभावना बढ़ गई है.
अब नहीं देना होगा डेथ सर्टिफिकेट
बेगूसराय जिला प्रशासन ने फरवरी 2024 से कबीर अंत्येष्टि योजना का लाभ पाने के लिए डेथ सर्टिफिकेट दिखाने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है. अब इसके बिना भी लाभ मिल जाएगा. जिला प्रशासन के आदेश को लेकर बाबत जिले के मेहदा शाहपुर पंचायत के मुखिया बम बम सिंह ने बताया कि अब पंचायत या नगर निगम के इलाके में गरीब, बीपीएल व लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के लिए ग्राम प्रधान या मेयर, पात्र को तुरंत 3000 रुपए की सहायता कर पाएंगे. इसके लिए आश्रित के परिजनों को कोई कागजात नहीं दिखाना होगा.
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पांच लाख से ज्यादा बीपीएल परिवार को मिलेगा लाभ
बेगूसराय जिले में 18 प्रखंड और 1,229 गांव हैं और यहां कुल जनसंख्या 33 लाख से ज्यादा है. इसमें से लगभग 5 लाख लोग गरीबी रेखा से नीचे अर्थात बीपीएल में आते हैं. कबीर अंत्येष्टि योजना का लाभ बीपीएल परिवार के सदस्य की मौत पर ही दी जाती है. ऐसे में अब इस योजना का लाभ लेने के लिए गरीब परिवारों को सरकारी कार्यालयों का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा. साथ ही साथ मौत के समय इन परिवारों की बड़ी मदद हो जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : February 23, 2024, 11:35 IST